THE BIKANER NEWS:- बीकानेर। शिक्षा को लेकर बीकानेर में नई क्रांति देखने को मिल रही है, जहां जिला कलेक्टर की सोच ओर नवाचार ने शिक्षा की दशा ओर दिशा दोनो के माध्यम को न केवल बदला है, बल्कि एक शिक्षा में एक इतिहास कयाम कर दिया है.
सरकारी स्कूलों में जहां शिक्षक नहीं वहां अब डिजिटल माध्यम से पढ़ाई करवाई जा रही है. अब सब पढ़े सब बढ़े को आगे बढ़ाने वाले इस नवाचार ने शिक्षा में नई क्रांति ला दी है और इसके परिणाम भी बेहतर आ रहे हैं.
राज्य सरकार के स्टेट इनीशिएशन फॉर क्वालिटी एजुकेशन की तर्ज पर जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल द्वारा योजनागत तरीके से पूरे अभियान को धरातल पर उतारा गया. सर्वप्रथम जिला कलेक्टर द्वारा आकलन करवाया गया कि जिले के कितने स्कूल ऐसे हैं, जहां एक ही शिक्षक नियुक्त हैं वरना स्वीकृत पदों की तुलना में कम अध्यापक नियुक्त हैं, जिससे बच्चों का अध्ययन प्रभावित हो रहा है. रिपोर्ट के आधार पर 600 स्कूल चयनित किए गए. इन संस्थाओं में अध्ययन के वैकल्पिक तरीकों पर मंथन किया गया और दूसरे चरण में जिला कलेक्टर द्वारा जिले के भामाशाहों और दानदाताओं से इन शिक्षण संस्थाओं में स्मार्ट टीवी के माध्यम से अध्यापन कार्य नियमित बनाए रखने संबंधी चर्चा की. दानदाताओं ने इसमें रुचि दिखाई और लगभग सवा करोड़ रुपए से अधिक राशि के स्मार्ट टीवी उपलब्ध करवाए गए
आपको बता दें कि सतत मॉनिटरिंग और स्कूलों के प्रभावी क्रियान्वयन की बदौलत अब जिले की 600 से अधिक स्कूलें ‘स्मार्ट’ हो चुकी हैं और अध्यापकों की कमी के बावजूद एक हद तक शिक्षण कार्य को बाधित होने से रोका जा सका है. निसंदेह जिला प्रशासन का यह प्रयास ऐसी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए बेहतरीन साबित हो रहा है. जिला प्रशासन द्वारा सूचना तकनीक के दौर में बच्चों के लिए शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाने का प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके शानदार प्रयास परिणाम सामने आएंगे.