कोलकाता खबर:- अंचल के 480 वर्ष प्राचीन ऐतिहासिक शीतला माता स्नान यात्रा में सूर्योदय के साथ ही श्रद्धालुओं का सैलाब शीतला माता को पूर्ण समर्पण के साथ रिझाने में जुट गया। पूरा हावड़ा आरोग्य प्रदायिनी मां शीतला की भक्ति में डूबा रहा और पूरा वातावरण शीतला माता के गगनभेदी जयकारों से गूंजता रहा। S.N.जोशी ने बताया कि यह यात्रा देश में केवल यहीं निकलती है। बड़ी मां अपने मंदिर से गुलाब के फूलों से सजी पालकी में सवार स्नान यात्रा के लिए निकली और इस झांकी के साथ लाखों भक्त मौजूद थे। जिस मां के हाथों इस सृष्टि का संचालन होता है वही आज श्रद्धालुओं के कंधों पर पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकली और पूरे अंचल को आशीर्वाद देते हुए गंगा में स्नान कर अपने मंदिर वापस लौटी। इसकी शुरूआत इसके मुख्य केन्द्र सलकिया के अरविन्द रोड स्थित बड़ी शीतला माता मंदिर और बंाधाघाट स्थित गंगाघाट से हुई। जो बाबूडांगा, मुर्गीहाटा, नंदीबागान आदि स्थानों की परिक्रमा कर वापस मंदिर पहुंची। आज तडक़े से ही बांधाघाट में गंगा स्नान कर वहीं से बड़ी शीतला माता मंदिर तक दंडवत प्रणाम करती महिलाएं(दंडी प्रणाम) करते हुए व्रती श्रद्धालुओं की ओर से प्रथम चरण की पूजा की गई। इसके बाद श्रद्धालुओं ने पुन: गंगा में स्नान किया और शीतला माताओं को स्नान कराने के लिए सडक़ के दोनों किनारों पर कतारबद्ध खड़े हो गए। मां की झांकी के साथ लाखों भक्त मौजूद थे। इस महापर्व में गोलाबाड़ी से लेकर घुसुड़ी, पिलखाना, लिलुआ और कोना से लेकर सलकिया तक चतुर्दिक शीतला माता के जयकारों से पूरा वातावरण ।ऐतिहासिक शीतला माता स्नान यात्रा में बैंड-बाजों के साथ मनोहारी झांकियों के मध्य पालकियों पर सवार शीतला माताओं की झांकियों को गंगाघाट ले जाकर स्नान कराने और फिर उन्हें उनके मंदिरों में लाकर स्थापित करने का क्रम जारी रहा।जगह जगह सेवादार सेवा कार्य कर रहे थे ।