धर्म-आस्था। Mahashivratri 2023 : 18 फरवरी 2023 को महाशिवरात्रि पर की गयी भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा से ना सिर्फ आपकी सभी मनोकामना पूरी होती हैं बल्कि ज्योतिष में सबसे ज्यादा घातक माने जाने वाले कालसर्प योग को भी दूर किया जा सकता है.
वैदिक ज्योतिष राहु को सांप का मुंह और केतु को सांप की पूंछ माना गया है जिससे कालसर्प योग बनता है. अगर किसी की कुंडली में ये योग हो तो उसका वैवाहिक जीवन कष्ट में बीतता है. लेकिन महाशिवरात्रि पर किए गए ये उपाय ऐसे जातकों को राहत दे सकते हैं.
कुंडली में कैसे बनता है कालसर्प योग
अगर किसी कुंडली में राहु और केतु के बीच कोई ग्रह आता है तो कालसर्प योग का निर्माण होता है. ऐसे लोगों को वैवाहिक जीवन कष्टों से भरा होता है. कुंडली के 7वें भाव में केतु और पहले भाव में राहु के होने पर जातक को वैवाहिक सुख में अड़चने आती है.
महाशिवरात्रि पर कालसर्प योग का उपाय
जिस किसी की कुंडली में कालसर्प योग बना हो उसे महाशिवरात्रि के दिन उज्जैन में महाकालेश्वर या नासिक में त्रयंबकेश्वर या फिर प्रयागराज में तक्षकेश्वर महादेव में पूजा और रुद्राभिषेक करना चाहिए. यहीं नहीं कालसर्प दोष से बचने के लिए महाशिवरात्रि पर भगवान शंकर को चांदी के नागों का जोड़ा चढ़ाया जा सकता है. महाशिवरात्रि के दिन महामृत्युंजय मंत्रा का जप दिन में दो बार करना चाहिए.
महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर दूध और जल चढ़ाकर ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात् मंत्र का जप करना चाहिए साथ ही पीड़ित जातक को नाग पंचमी का व्रत भी करना शुभफलदायकर रहता है
महाशिवरात्रि पर उज्जैन में महाकालेश्वर या नासिक में त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग या प्रयागराज में तक्षकेश्वर महादेव मंदिर में पूजा और रुद्राभिषेक करता है, तो उसे जन्म कुंडली से संबंधित इस दोष से छुटकारा मिल जाता है। कालसर्प दोष से बचने के लिए महाशिवरात्रि पर भगवान शंकर को चांदी के नागों का जोड़ा चढ़ाएं। महाशिवरात्रि के दिन से महा मृत्युंजय मंत्र का जाप दिन में दो बार करना चाहिए।
हिंदू पंचांग में इस बार महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष और सर्वार्थ सिद्धि योग बना है. ऐसे में कालसर्प योग से मुक्ति पाने के लिए इस दिन विशेष पूजा शतप्रतिशत लाभदायक रहेगी.