मैजिक गर्ल आंचल के जादू की कायल हुई दुनिया, अमेरिका की मैग्जीन “वीनस’ के कवर पेज पर मिली जगह



राजस्थान खबर:- 29 की उम्र में भारत व विदेशों में अमेरिका सहित कई देशों में 13 हजार शो।

चार साल की उम्र में जादू की दुनियां में कदम रखने वाली बाजौर गांव की बेटी आंचल ने जादुई कला से भारत सहित पूरी दुनिया के लोगों को दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर कर दिया। उनकी प्रस्तुति देख अमेरिका से प्रकाशित जादुई दुनिया की विश्वस्तरीय मैग्जीन “वीनस” ने उन्हें कवर पेज पर स्थान दिया है। 90 पेज की इस मैग्जीन के जनवरी अंक में 8 पृष्ठों में छपी आंचल की सफलता की कहानी को विश्व स्तर पर जादूगरों के लिए प्रेरणादायक बताया गया है। पहली बार किसी भारतीय जादूगर को इस मैग्जीन के कवर पेज पर स्थान दिया गया है।

लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड से सम्मानित आंचल ने कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कीर्तिमान अपने नाम किए हैं। कई मुख्यमंत्री, राज्यपाल व बड़े नेता उन्हें सम्मानित कर चुके हैं। आंचल ने बताया कि भारत में आज भी मैजिक को मुकाम की तलाश है। आंचल कहती हैं कि भारत में आज भी मैजिक शो को लेकर लोगों में गलत भ्रांति है कि जादूगर लोगों को बेवकूफ बनाते हैं। जबकि ऐसा नहीं है। विदेशों में मैजिक को लेकर लोगों की सकारात्मक सोच है। भारत में आज भी मैजिक शो अपना मुकाम नहीं पा सका। जिसे मैं हासिल करके ही रहूंगी। खिलौनों से खेलते हुए बचपन में जादू सीखा : आंचल बड़े गर्व से कहती हैं कि पेशे से माइनिंग इंजीनियर उनके पिता गिरधारीलाल की उदयपुर में मैजिक शॉप थी और वे दुकान में ही उन मैजिक खिलौनों से खेलते-खेलते कब जादू सीख गई उन्हें पता ही नहीं चला। 4 साल की उम्र में स्कूल के वार्षिकोत्सव में पहला मैजिक शो किया। 29 साल की उम्र में भारत सहित विदेशों में अमेरिका, चीन, सिंगापुर, दुबई, साउथ कोरिया, नेपाल, मंगोलिया व अन्य कई देशों में करीब 13000 से अधिक मैजिक शो पूरे कर लिए।
उदयपुर की बाड़ाबंदी में विधायकों ने देखा आंचल मैजिक शो : राजस्थान में पिछले दिनों मचे सियासी घमासान के दौरान सरकार ने उदयपुर में विधायकों की बाड़ाबंदी की थी, उस समय स्ट्रेस दूर करने के लिए उन्हें करीब 1.50 घंटे का उनका मैजिक शो दिखाया गया। विधायकों सहित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका शो देखा।
प्रत्येक संडे 9 से 12.30 बजे तक बच्चों की क्लास
आंचल ने बताया कि आज के दौर में बच्चों की दिनचर्या बदलने के उद्देश्य से उन्हें हर रविवार को सीकर में ही सुबह 9 से 12.30 बजे तक पढ़ाती हैं। इसमें उन्हें अच्छी आदतें जैसे सुबह जल्दी उठना, व्यायाम करना, पढ़ाई कैसे करनी है व बड़ों को सम्मान देना सिखाया जाता है।
मलाल यह कि मैजिक शो की अनुमति के लिए प्रक्रिया जटिल : आंचल का कहना है कि उनके आयोजनों में प्रशासन सहयोग करता है लेकिन मैजिक शो की अनुमति व आयोजन की प्रक्रिया बहुत जटिल है। थिएटरों व मैदानों के लिए चुकाए जाने वाले शुल्क व अन्य प्रक्रियाओं में कुछ रियायत देनी चाहिए।