सहारा कंपनी के एजेंट ने की आत्महत्या:मेरी मौत का कारण सहारा इंडिया कंपनी, लोगों के लाखों रुपए नहीं दिए, मैं जवाब देकर थक गया


देश:- सहारा इंडिया में निवेशकों के करोड़ों रुपए सालों से अटके हुए है, लेकिन इसमें काम करने वाले हजारों लोग मुसीबत में जी रहे हैं, उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। बायतु के पनावड़ा गांव निवासी हेमंत कुमार (35) पुत्र ताजाराम मेघवाल ने भी सहारा इंडिया में अभिकर्ता था और निवेशकों के अटके रुपए नहीं लौटाने पर परेशान होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

खुद ने सुसाइड नोट लिखा कि उसकी मौत की जिम्मेदार सहारा इंडिया कंपनी है, वो इसी से परेशान होकर आत्महत्या कर रहा है। इसके बाद सैकड़ों लोग सीएचसी के बाहर जमा हो गए। सालों से निवेशकों के रुपए सहारा इंडिया नहीं लौटा रही है। अब जो लोग अभिकर्ता बनकर अल्प कमीशन के लिए कंपनी में काम कर रहे थे, वे लोग रुपए नहीं मिलने से निवेशकों के टॉर्चर से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं।

पनावड़ा निवासी हेमंत सहारा इंडिया में थे अभिकर्ता, सहारा ने निवेशकों ने जमा रुपए नहीं लौटाए तो हताशा में की आत्महत्या बायतु के पनावड़ा निवासी हेमंत कुमार सहारा इंडिया में अभिकर्ता था, लेकिन 2015 के बाद सेबी के आदेश से सहारा इंडिया के निवेशकों की जमा पूंजी पर रोक लग गई। इसके बाद से सहारा इंडिया निवेशकों की जमा भुगतान नहीं कर रहा है। इसी से परेशान हेमंत कुमार ने शनिवार रात को आत्महत्या कर ली, लेकिन आत्महत्या से पहले लाल स्याही से एक सुसाइड नोट लिखा और उसमें नसीहत भी दी और एक संदेश भी दिया कि आखिर कितनों लोगों को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ेगा। पीड़ित परिवार ने अब तक शव नहीं उठाया है और सरकार से कंपनी और उनके कार्मिकों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की जा रही है। पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद करने की मांग की है।

सुसाइड नोट में लिखा
मेरी मौत का कारण सहारा इंडिया प्राइवेट कंपनी है, जिसमें लोगों का लाखों रुपए लाकर मैंने जमा किया, मगर अब वापस नहीं कर रही है, लोगों को जवाब देकर मैं परेशान हो गया हूं। इससे तो अच्छा मैंने 15 साल लोडिंग का काम गुजरात में किया था वो भी अच्छा था। यह सहारा कंपनी ऐसे ही चली तो मैं क्या पूरे देश में हजारों लोग आत्महत्या करेंगे। खास बात मेरे छोटे भाई आत्माराम को कहना चाहता हूं, मैंने तुझे बेटे की तरह रखा, पापा नहीं होते हुए भी पापा का एहसास नहीं होने दिया। मेरे दोनों बेटे अब तेरे हवाले है, तू ही बाप कमी महसूस मत होने देना, मम्मी का ख्याल रखना। आई लव यू मम्मी, आई लव यू चंद्र बेटा, आई लव विकु बेटा, आई लव आतु भाऊ। वाह रे सहारा इंडिया मेरे जैसे कितनों का परिवार उजाड़ेगा। मुझे माफ करना परिवार वालों, तुम्हारी गलती नहीं हैं, मेरा जीवन इतना ही था।
(हेमंत कुमार ने जैसा सुसाइड नोट में लिखा)

सहारा इंडिया व मुख्य एजेंट के खिलाफ मामला दर्ज
मिसराराम पुत्र नाथूराम मेघवाल निवासी पनावड़ा ने मामला दर्ज करवाया कि उसका भाई हेमंत कुमार पुत्र ताजाराम पिछले 5 साल से बायतु स्टेशन पर रहने वाले रुपो चौधरी व उसके पति भंवरलाल बेरड के अंडर में सहारा इंडिया के अभिकर्ता के रूप में काम करता था। इनका काम लोगों से पैसा एकत्रित कर रुपो व भंवरलाल के पास जमा करवाना था। पिछले कुछ समय से हेमंत द्वारा जमा किए गए पैसों की रसीद रुपो व भंवरलाल द्वारा नहीं दी जाने पर हेमंत ने कई बार लोगों को लेकर रुपो व भंवरलाल के बायतु स्थित ऑफिस में पंचायती करवाई गई। रुपो व भंवरलाल ने गाली-गलौच की। सहारा इंडिया में जमा रुपए वापिस नहीं लौटाए जा रहे थे। इसके बाद अब हेमंत कुमार ने टांके में कूद आत्महत्या कर ली।

एक साल पहले… पीराराम ने इसी वजह से जान दी
बाड़मेर जिले के पचपदरा निवासी पीराराम प्रजापत (42) पुत्र भोलाराम ने भी एक साल पहले फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। पीराराम प्रजापत सहारा इंडिया में 10-12 सालों से काम रहा था, लंबे समय से निवेश करने वाले लोगों को पैसा वापस मिल नहीं रहा था। निवेशक पैसा मांग रहे थे, इससे मृतक पीराराम परेशान था और फंदा लगाकर जान दे दी। देशभर में ऐसे कई एजेंट परेशान होकर आत्महत्या कर चुके हैं।