THE BIKANER NEWS:- बीकानेर। कोरोना-स्वाइन फ्लू नहीं, इन्फ्लूएंजा का कहर और भी कई मौसमी बीमारियों की वजह से मरीजो की संख्या में बढ़ोतरी होने की वजह से किसी भी वार्ड में बेड खाली नही मिल रहे है।
फर्श पर मरीज।
क्याेंकि…बेड खाली नहीं है, आफ्टर काेविड इन्फ्लूएंजा की चपेट में आ रहे ज्यादातर बुजुर्ग
बीकानेर इन दिनाें इन्फ्लूएंजा की चपेट में है। पीबीएम में मेडिसिन के सभी सात वार्ड और आईसीयू में बेड खाली नहीं है। बुजुर्ग सबसे ज्यादा पीड़ित हैं। इन्फ्लूएंजा ऐसे बुजुर्गाें के लिए जानलेवा बना हुआ है, जिन्हें पहले काेराेना हुआ था।
जिले में एक अजीब सा वायरल फैल रहा है। डाॅक्टर भी हैरान हैं। क्याेंकि यह ना ताे काेविड है और ना ही स्वाइन फ्लू। डाॅक्टर्स का मानना है कि यह एक संक्रामक वायरल श्वसन राेग यानि इन्फ्लूएंजा है। इसकी चपेट में आने के बाद लंबे समय तक खांसी पीछा नहीं छाेड़ती। इन दिनाें पीबीएम हाॅस्पिटल के मेडिसिन विभाग में राेज 1200 से 1400 मरीज आउटडोर में उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें से 80 से 100 मरीजाें काे भर्ती करना पड़ रहा है। इनमें सबसे ज्यादा संख्या 50 से 85 वर्ष तक के मरीजाें की है। मेडिसिन के ई, एफ, जे, के, आई, एच,डी कुल सात वार्ड और आईसीयू हैं। सभी फुल हाे गए हैं। अब नए मरीजाें काे बेड साथ लाने काे कहा जा रहा है।
इन दिनाें मरीज ज्यादा आ रहे हैं। किसी वार्ड में बेड नहीं हाेने पर उन्हें दूसरे वार्डाें में शिफ्ट किया जा रहा है। डी वार्ड के आईसीयू काे भी वापस शुरू करने के आदेश दे दिए गए हैं। – डाॅ. प्रमाेद कुमार सैनी, अधीक्षक, पीबीएम हाॅस्पिटल
मेडिसिन के 7 वार्ड और आईसीयू में सभी बेड फुल
राेज 1400 का आउटडाेर, औसत 100 मरीज भर्ती हाे रहे क्या है इन्फ्लूएंजा
यह एक तरह का फ्लू यानि संक्रामक वायरल श्वसन रोग है, जो इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है। इसके लक्षण बुखार, सिर दर्द, उल्टी, बदन दर्द आदि हैं। इन्फ्लूएंजा काे मौसमी फ्लू के रूप में भी जाना जाता है। इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होने वाली श्वसन प्रणाली का एक संचारी वायरल रोग है। मेडिसिन विभाग के प्राेफेसर डाॅ. सुरेंद्र वर्मा का कहना है कि इस माैसम में यह ज्यादा फैल रहा है। अस्थमा के राेगी और धूम्रपान करने वालाें काे ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। वायरल के लक्षण नजर आते ही तत्काल नजदीक के हाॅस्पिटल में दिखाएं।
एक रात का 200 रुपए किराया देना पड़ रहा बिस्तर का
वायरल के शिकार ग्रामीण क्षेत्र के राेगियाें काे पीबीएम में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। रात के समय भर्ती हाेने पर उन्हें बेड नहीं मिल रहे। एक बुजर्ग तबीयत बिगड़ने पर उन्हें शुक्रवार रात पीबीएम हाॅस्पिटल लाया गया था। उनके पाेते ने बताया कि इमरजेंसी में ड्यूटी डाॅक्टर ने आई वार्ड में भर्ती कर दिया, लेकिन वहां बेड नहीं मिला।
डाॅक्टर बाेले- बेड खाली हाेने पर मिलेगा, जब तक खुद ही व्यवस्था करें। मरीज के रिस्तेदार ने बताया कि हाॅस्पिटल के बाहर से एक रात के लिए 200 रुपए किराए पर बिस्तर मिले वाे भी गंदे, लेकिन क्या करते। मजबूरी जाे ठहरी। इलाज शुरू कराने के लिए भी मिन्नतें करनी पड़ी। डेढ़ घंटे बाद दादी के ड्रिप लगाई गई। रात इस वार्ड में भर्ती हुए किसी मरीज काे बेड नहीं मिला। ऑक्सीजन वाले मरीजाें काे भी फर्श पर ही लेटना पड़ रहा है।