THE BIKANER NEWS:- बीकानेर। 195 प्रभारी व कार्मिकों पर गिरेगी गाज:विभाग, वार्ड, लैब और ओटी में 68 लाख की सामग्री कम मिली, 11.20 करोड़ की बिना डिमांड खरीद
पीबीएम हॉस्पिटल के स्टोर के भौतिक सत्यापन में करीब 50 करोड़ की गड़बड़ियों के मामले में एसीबी ने अब तक कुछ नहीं किया, जबकि प्रशासन ने अपने स्तर पर ही कार्रवाई शुरू कर दी है। वार्ड, ओटी, लैब सहित विभागों के 195 प्रभारियों पर गाज गिर सकती है। इन्हें नोटिस दिए जा रहे हैं।
पीबीएम के स्टोर का दस साल बाद भौतिक सत्यापन हुआ था, जिसकी रिपोर्ट लीक हो गई और एसीबी के पास जा पहुंची। एसीबी ने प्राथमिक जांच दर्ज करने के लिए रिपोर्ट मुख्यालय भेजी थी, जहां से अब तक कोई जवाब नहीं आया है।
इधर अधीक्षक ने सत्यापन की रिपोर्ट को लेकर संबंधित प्रभारियों को नोटिस देने का काम शुरू कर दिया है। नोटिस का जवाब मिलने के बाद जांच होगी। यदि सामान पूरा नहीं मिला तो संबंधित प्रभारी से रिकवरी की जाएगी। सबसे गंभीर मामला 11 करोड़ 20 लाख 52 हजार रुपए की खरीद का बताया जा रहा है।
बिना डिमांड खरीद होने से सरकार को राजस्व की हानि हुई है। इसी प्रकार 68 लाख रुपए की सामग्री कम मिली है, जिसकी रिकवरी कर्मचारियों से होगी। मेडिसिन और हार्ट विभाग में भी बिना जरूरत 24.82 लाख रुपए की दवाइयां खरीद कर सरकार को नुकसान पहुंचाया गया है। बाजार से ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने पर भी सरकार को दो करोड़ की हानि हुई है।
राशन भंडार में 147 लाख की खरीद का रिकॉर्ड ही गायब कर दिया गया है। लाइफ सेविंग मेडिकल स्टोर में 90 लाख रुपए की दवाइयों एवं स्थाई सामग्री की खरीद में भारी अनियमितताएं मिली हैं। इंटीग्रेटेड हैल्थ मैनेजमेंट सिस्टम के लिए करोड़ों रुपए खरीद का रिकॉर्ड तक मेनटेन नहीं है।
चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की कैश बुक में 31करोड़ 18 लाख 76 हजार रुपए का अंतर आ रहा है। पीबीएम में 35 लाख की सामग्री की खरीद की एंट्री तक नहीं है। संबंधित प्रभारियों से इन सभी बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।
प्रभारियों को दे रहे नोटिस : अधीक्षक
स्टोर के भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट अब मिली है। सभी संबंधित प्रभारियों काे नाेटिस जारी किए जा रहे हैं। सत्यापन के दाैरान मिली कमियाें की पूर्ति कराई जाएगी। पूर्ति नहीं करने पर कार्मिक के वेतन से वसूली हाेगी।
डाॅ. पीके सैनी, अधीक्षक, पीबीएम हाॅस्पिटल
पुराने रिकॉर्ड का सत्यापन तक नहीं
2010 के भौतिक निरीक्षण में 662 पुस्तकों की खरीद का रिकॉर्ड था, लेकिन वर्तमान दल से इनका सत्यापन ही नहीं कराया गया। वास्तव में यह पुस्तकें लाइब्रेरी में हैं या नहीं इसकी भी जांच होगी।