सड़क पर टेबल लगाकर देख रहे है मरीज,राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ रैली निकाली,27 को मेडिकल सेवा रहेगी बन्द



राजस्थान खबर:जयपुर:राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ डॉक्टर्स का प्रदर्शन जारी है। आज एसएमएस के जीबीएम (जनरल बॉडी मीटिंग) में डॉक्टर्स की मीटिंग हुई। इसके बाद जयपुर में चिकित्सक संगठन ने जवाहर सर्किल तक कार रैली निकाली। इसके बाद सभी डॉक्टर्स ने सड़क पर टेबल लगाकर मरीज देखने का निर्णय लिया है। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार सुबह 10 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गए। अगर आज डॉक्टर्स वार्ता करना चाहेंगे तो मुख्य सचिव से ही वार्ता कर पाएंगे।

इससे पहले शनिवार को राइट टू हेल्थ के विरोध में चल रही डॉक्टर हड़ताल को लेकर सीएम अशोक गहलोत शनिवार को दिल्ली दौरा बीच में छोड़कर शाम को जयपुर पहुंचे थे। जयपुर पहुंचते ही सीएम ने स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, मुख्य सचिव ऊषा शर्मा सहित वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक की। सीएम ने मुख्य सचिव को डॉक्टरों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए। इसके बाद देर रात मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग के व​रिष्ठ अफसरों से चर्चा की। रात को डॉक्टर वार्ता को तैयार नहीं थे। डॉक्टर्स मीटिंग में नहीं पहुंचे। डॉक्टर्स ने बात करने से मना कर दिया था। डॉक्टर्स का कहना था- दिन में ही करें, रात में नहीं।

शनिवार शाम को दिल्ली से लौटे सीएम ने डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा और मुख्य सचिव उषा शर्मा सहित वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक की।

सीएम ने डॉक्टरों से की काम पर लौटने की अपील
सीएम अशोक गहलोत ने डॉक्टरों से हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने की अपील की। सीएम ने कहा- राइट टू हेल्थ में डॉक्टरों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। डॉक्टरों की मांगों को राइट टू हेल्थ बिल लाया गया है। डॉक्टरों का हड़ताल पर जाना उचित नहीं है। पक्ष-विपक्ष ने सर्वसम्मति से यह बिल पास किया है।

अजमेर में डॉक्टर्स ने थड़ी पर बेची चाय।

अजमेर में डॉक्टर्स ने चाय बेचकर जताया विरोध
अजमेर में प्रदर्शन के दौरान डॉक्टर्स ने सुंदरकांड का पाठ किया। साथ ही चाय की थड़ी लगाकर चाय बेची। इस दौरान प्राइवेट डॉक्टर्स एसोसिएशन के सचिव कुलदीप शर्मा ने बताया- रविवार को डॉक्टर्स की हड़ताल का 9वां दिन है। राज्य सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। आंदोलन को खत्म करने के प्रयास में कोई कदम नहीं उठाए जा रहे। इसके कारण मरीजों को भी परेशान होना पड़ रहा है।
शिकंजा कसने की तैयारी
राजस्थान में राइट टू हेल्थ (RTH) बिल का विरोध कर रहे प्राइवेट डॉक्टरों और हॉस्पिटल्स पर सरकार शिकंजा कसने की तैयारी में है। सरकार ने प्रदेशभर के प्राइवेट हॉस्पिटल्स की डिटेल के साथ सूची मांगी है। इसके लिए सभी सीएमएचओ को लेटर जारी हो चुका है।
सरकार को खूब पता है कि तमाम हॉस्पिटल्स नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। कोई आवासीय में हॉस्पिटल चला रहा है तो कोई बायो मेडिकल वेस्ट का ठीक से निस्तारण नहीं कर रहा है।
सरकार को मिलने वाले टैक्स में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होती है। कई हॉस्पिटल्स तो नक्शे के अनुसार बने ही नहीं हैं। ऐसी बिल्डिंग को या तो सील किया जाएगा या गिरा दिया जाएगा। कुल मिलाकर सरकार इनकी कमियां निकालकर दबाव बनाने के प्रयास में है।

जयपुर में शनिवार को त्रिमूर्ति सर्किल पर प्रदर्शन करने पहुंचे थे डॉक्टर्स।

27 मार्च को मेडिकल सर्विस बंद करने का ऐलान
बिल का विरोध अब राज्य के अलावा देशभर में होने जा रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने सभी डॉक्टरों से 27 मार्च को मेडिकल सर्विस बंद करने का आह्वान किया है। शनिवार को जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल स्थित जेएमए हॉल में प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों की बैठक हुई।
आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद अग्रवाल ने आंदोलन को समर्थन देते हुए 27 मार्च को संगठन से जुड़े सभी डॉक्टरों से देशभर में बंद का आह्वान किया है।
प्राइवेट हॉस्पिटल एवं नर्सिंग होम सोसाइटी के सचिव डॉ. विजय कपूर ने बताया कि 27 मार्च को जयपुर में महारैली निकाली जाएगी। प्रदेशभर के डॉक्टर्स इसमें शामिल होंगे।
29 को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे डॉक्टर
सरकारी हॉस्पिटल के मेडिकल ऑफिसरों की यूनियन अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ (अरिसदा) भी अपना विरोध तेज करने जा रही है।
अरिसदा के प्रदेशाध्यक्ष अजय चौधरी ने बताया कि हम 29 मार्च को प्रदेशभर में एक दिन का सामूहिक अवकाश रखेंगे। अगर 29 मार्च को ऐसा होता है तो प्रदेशभर की पीएचसी, सीएचसी, उप जिला हॉस्पिटल में मरीजों को नहीं देखा जाएगा, क्योंकि यहां ज्यादातर डॉक्टर मेडिकल ऑफिसर ही होते हैं। ये इस संगठन से जुड़े हैं।