500 रुपए में गैस सिलेंडर के लिए क्या चाहिए डॉक्युमेंट?:हर महीने संभाल कर रखनी होगी रसीद, पोर्टल पर करना होगा रजिस्ट्रेशन



राजस्थान खबर:-राजस्थान में 500 रुपए में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर लेना लोगों के लिए आसान नहीं होगा। सब्सिडी लेने के लोगों को जनआधार कार्ड को बैंक खाते से लिंक करना जरूरी होगा। साथ ही गैस कनेक्शन की पूरी डिटेल एक पोर्टल पर अपलोड कर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद कैश सब्सिडी लेने के लिए हर महीने गैस रीफिल की रसीद भी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।

फूड डिपार्टमेंट इसके लिए एक पोर्टल जल्द जारी करेगा। जिस पर रजिस्ट्रेशन और रसीद अपलोड की प्रक्रिया होगी। पोर्टल पर अपलोड की जाने वाली जानकारी के संबंध में जल्द ही अलग से निर्देश भी जारी किए जाएंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण में बीपीएल और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना कनेक्शन धारियों को एक अप्रैल से 500 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर देने की घोषणा की थी।
साल में 12 ही सिलेंडर पर मिलेगी सब्सिडी
फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट राजस्थान की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक एक लाभार्थी को एक साल में केवल 12 ही सिलेंडरों पर सब्सिडी मिलेगी। यानी हर महीने केवल एक सिलेंडर ही 500 रुपए में मिलेगा। सिलेंडर बुकिंग और डिलीवरी के बाद जो रसीद गैस एजेंसी से मिलेगी। उसको उपभोक्ता को फूड डिपार्टमेंट की ओर से जारी पोर्टल पर अपलोड करना होगा। तभी सब्सिडी के पैसे लाभार्थी के जनआधार से लिंक खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे।

सिलेंडर लेते समय देने पड़ेंगे पूरे पैसे
बीपीएल और उज्जवला कनेक्शन धारकों को घर पर सिलेंडर देने वाले एजेंट या सप्लायर को पूरे पैसे (वर्तमान दर 1106.50 रुपए) देने पड़ेंगे। जब सिलेंडर डिलीवरी हो जाएगा। सिलेंडर रीफिल की रसीद पोर्टल पर अपलोड करने के बाद ही बीपीएल कनेक्शन धारकों के 610 रुपए, जबकि उज्ज्वला कनेक्शन धारकों के बैंक खाते में 410 रुपए सब्सिडी की सब्सिडी आएगी।
73 लाख से ज्यादा परिवार
राजस्थान में तीनों गैस कंपनियों (आईओसीएल, बीपीसीएल, एचपीसीएल) के 1 करोड़ 75 लाख 48 हजार से ज्यादा कनेक्शन है। इनमें से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 69 लाख 20 हजार से ज्यादा कनेक्शन हैं। इसके अलावा 3 लाख 80 हजार बीपीएल परिवार हैं, जिनके पास गैस कनेक्शन है।
2020 में केंद्र ने बंद कर दी थी सब्सिडी, सिर्फ एक बार देनी पड़ती थी बैंक डिटेल
केंद्र सरकार ने गैस पर सब्सिडी अप्रैल 2020 से बंद कर दी थी। सबसे पहले सब्सिडी गैस सिलेंडर के साथ ही आती थी। यानी सिलेंडर की रेट कम होती थी। बाद में DBT (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) स्कीम के जरिए सब्सिडी बैंक खातों में डाली जाने लगी थी। इसके लिए भी उपभोक्ताओं को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती थी। उपभोक्ताओं को सिर्फ एक बार बैंक खाते ओर आधार नंबर की डिटेल गैस एजेंसियों को देनी होती थी।

इस योजना के तहत कैश सब्सिडी का फायदा लेने के लिए कनेक्शन धारकों को अपना बैंक खाता जन आधार कार्ड से लिंक करवाना होगा। अगर बैंक खाता जन आधार कार्ड से लिंक नहीं होगा तो सब्सिडी नहीं आएगी। राज्य सरकार 500 रुपए में सिलेंडर केवल राज्य के मूल निवासियों को ही उपलब्ध करवा रही है। हालांकि इस प्रक्रिया को शुरू होने में अभी थोड़ा समय लग सकता है। राज्य सरकार को अभी केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय से बीपीएल और उज्ज्वला कनेक्शन धारकों की सूची (नाम और कनेक्शन नंबर समेत) नहीं मिली है। ऐसे में अब राज्य सरकार गैस एजेंसियों के जरिए ये डेटा तैयार करवाने की तैयारी कर रही है।