जनजाति महिलाओं के रेंगने का मामला, तृणमूल नेता प्रदीप्ता की गिरफ्तारी के लिए सुकांत ने लिखा एनसीएसटी चेयरमैन को पत्र,जिनको पकड़ा है वो निर्दोष है



कोलकाता खबर:- पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिला अंतर्गत बालूरघाट लोकसभा क्षेत्र में पिछले हफ्ते जनजाति समुदाय की चार महिलाओं को जमीन पर रेंगते हुए तृणमूल दफ्तर में जाने को मजबूर करने के मामले में पुलिस कार्रवाई को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने नाराजगी जताई है। उन्होंने इस मामले में गिरफ्तार किए गए दो लोगों को निर्दोष करार देते हुए दावा किया है कि पुलिस मुख्य आरोपित तृणमूल महिला मोर्चा की नेता प्रदिप्ता चक्रवर्ती को बचाने के लिए उन लोगों को पकड़ रही है जो मामले में शामिल ही नहीं रहे हैं। अब इसे लेकर शुक्रवार को एक बार फिर उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है, “पुलिस ने इस मामले में विश्वनाथ दास और आनंद रॉय नाम के दो लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई की है। हालांकि घटना से उनका कोई लेना-देना नहीं है। यह निराशाजनक है कि मुख्य आरोपित तृणमूल नेत्री प्रदिप्ता चक्रवर्ती अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं  और उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो रही। आश्चर्यजनक है कि उन्होंने अपने वीडियो बयान में स्वीकार किया है कि उन्होंने ही महिलाओं को जमीन पर रेंगने को मजबूर किया था। बावजूद इसके वह अभी भी गिरफ्त के बाहर हैं और लगातार मीडिया बाइट दे रही हैं। मेरा अनुरोध है कि आप इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर प्रदिप्ता के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा करें।”

मजूमदार ने अपने पत्र में लिखा है कि जनजातीय समुदाय की हितों की रक्षा के लिए यह जरूरी है कि उनके साथ तत्काल न्याय हो। इस घटना में आरोपितों को बिना सजा दिए छोड़ा नहीं जा सकता। इससे जनजाति समुदाय के खिलाफ न्याय सुनिश्चित करना संभव नहीं हो पाएगा।
उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी मजूमदार ने चौहान को पत्र लिखा था जिस पर उन्होंने पुलिस महानिदेशक से जवाब तलब की थी। पिछले हफ्ते घटी इस घटना के बाद पुलिस ने एक दिन पहले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप लगाया जा रहा है कि जिन दोनों को पकड़ा गया है उनका महिलाओं को जमीन पर रेंगने के लिए मजबूर करने की घटना से कोई लेना-देना नहीं है