मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को सिविल लाइंस स्थित अपने सरकारी आवास पर कैबिनेट और मंत्री परिषद की बैठक बुलाई है। कांग्रेस हाईकमान के साथ गहलोत और पायलट की बैठक के बाद होने जा रही यह पहली कैबिनेट बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने करीब तीन महीने के बाद कैबिनेट की बैठक बुलाई है। आज मुख्यमंत्री आवास पर शाम 6:30 से कैबिनेट की बैठक और शाम 7:15 बजे से मंत्रिपरिषद की बैठक होगी। आमतौर पर कैबिनेट की बैठक बुधवार को बुलाई जाती है, लेकिन अचानक मंगलवार को यह बैठक बुलाई गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी विदेश यात्रा से लौटने वाले हैं। ऐसे में उनके आने से पहले गहलोत अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ बैठकर कई अहम निर्णय लेंगे।
कांग्रेस हाईकमान के साथ गहलोत-पायलट की बैठक के बाद पहली कैबिनेट…
सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के साथ हुई कांग्रेस हाईकमान की बैठक के बाद में यह पहली कैबिनेट की बैठक होने जा रही है। इसलिए सभी के निगाह इस पर भी टिकी हुई है कि क्या सचिन पायलट ने जो इश्यूज उठाए थे, उनको लेकर इस बैठक में कोई डिसीजन लिया जाएगा?
‘आधा दर्जन से ज्यादा विभागों के प्रस्तावों पर लगेगी मुहर’
बैठक का ऑफिशियल एजेंडा सामने नहीं आया है। माना जा रहा है छह से ज्यादा विभागों के कई प्रस्तावों पर भी इस दौरान चर्चा होगी और कैबिनेट की मुहर लगेगी। इनमें वित्त, चिकित्सा, शिक्षा, स्वायत्त शासन, गृह विभाग जैसे कई विभागों के प्रस्ताव बैठक में रखे जाएंगे। महंगाई राहत शिविर, प्रशासन गांवों और शहरों के संग अभियान को लेकर भी चर्चा होगी।
चौंकाने वाला हो सकता है कोई फैसला…
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी आज जयपुर आ रहे हैं। गहलोत और पायलट की कांग्रेस हाईकमान के साथ मुलाकात के बाद पिछले दिनों कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दिल्ली में इन दोनों नेताओं के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। उस घटनाक्रम के बाद पहली कैबिनेट बैठक होने जा रही है, इसलिए सवाल खड़ा हो रहा है कि बैठक में महंगाई राहत और अन्य विकास के मुद्दों को लेकर समीक्षा होगी या सीएम अशोक गहलोत पायलट की मांगों पर कोई चौंकाने वाला फैसला लेंगे।
मंत्रिपरिषद में फेरबदल की सुगबुगाहट…
सूत्र बताते हैं कि सीएम अशोक गहलोत अपने मंत्रिपरिषद में फेरबदल की भी कवायद में काफी समय से जुटे हैं। ताकि चुनाव से पहले कुछ मंत्रियों के खिलाफ लोगों के आक्रोश को शांत किया जा सके और बदलाव का मैसेज दिया जा सके। सचिन पायलट खेमे के विधायकों और मंत्रियों को उचित प्रतिनिधित्व की भी कांग्रेस हाईकमान की कोशिशें हैं, ताकि पायलट को साथ जोड़कर चुनाव तक शांत रखा जा सके। प्रभारी मंत्रियों को भी अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में दौरा करने के निर्देश दिए जा सकते हैं।