ऑनलाइन बढ़ती किताबों की बिक्री, किंडल और ई-रीडर्स की तेजी से फैलती दुनिया में भी किताबों की महक कम नहीं हुई है। अभी भी लोग नयी छपी किताबों से आती स्याही की महक, किताब को छूने से होने वाले एहसास, हाथों में कागज का खुरदरापन और खरीदने से पहले किताब के बारे में पूछताछ/चर्चा पाठकों को किताबों की दुकान तक खींच ले जा रही है। भले ही लोगों को लगता हो कि ऑनलाइन शॉपिंग साइटों ने किताबों की दुकानों की बिक्री घटा दी है, लेकिन ऐसा नहीं है। बीकानेर के मशहूर किताब की दुकान के अजय सिंह ने बताया कि उनके प्रतिष्ठान राजस्थान बुक एंड स्टेशनर बड़ा हनुमान मंदिर के सामने मोहता भवन के पास पर किताबो और कॉपियों मे भारी छूट दी जा रही है।ग्राहको के जेब को ध्यान मे रखते हुए किताबों, कॉपियों के अलावा अन्य स्टेशनरी सामान भी उचित मूल्य मे दुकान पर उपलब्ध है।