कहां करे गोठ और कहां लगाए गंठे,देखे खास रिपोर्ट



हालांकी प्रशासन प्राचीन धरोहर का जीर्णोद्वार करने के भरसक प्रयत्न कर रहा है।लेकिन बीकानेर के हर्षोलाव तालाब पर नजर डाले तो प्रशासन का कार्य शून्य लगेगा।
प्रशासन की अनदेखी के चलते तालाब मे पानी तो बरसात के कारण आ गया लेकिन काई जमी होने के कारण वहाँ का पानी नहाने योग्य नहीं है। तालाब के संरक्षण व सुंदरीकरण की बड़ी-बड़ी बातें करने वाला प्रशासन बेखबर है।
बीकानेर मे इस एतिहासिक धरोहर की और मानो प्रशासन का ध्यान तक नहीं जा रहा।श्रावण मास मे बीकानेर मे गोठो का और गंठो का दौर रहता है जो की काफी सालो से इन्ही तालाबो के आस पास होता है,इस माह मे यहाँ शाम होने के साथ ही चहल पहल शुरु हो जाती है।लेकिन अब तालाब काम के नहीं है।अब शाम होते होते यहां नशेड़ियों का जमावड़ा होने लगता है।
यहाँ भगवान शिव का वर्षो पुराना मंदिर है जहां पूरे श्रावण मास मे पूजा अर्चना चलती है।और नहाने के शौकीन लोग मंदिर के पीछे बने तालाब मे गंठे लगाते है।वहाँ आने वाले कन्हैया लाल जोशी ने बताया कि आज तालाब को देखकर मन उदास सा हो जाता है।मजबूरन हमें तालाबो मे नहाने का शौख पुरा करने के लिए वाटर पार्क जाना पड़ता है।रौनक पुरोहित और गौरव पुरोहित ने बताया कि इस बारे मे कई बार प्रशासन को भी अवगत करवाया गया है लेकिन वही ढाल के तीन पात।अमर नाथ ओझा और उमाशंकर ने बताया कि यहां अंधेरा होने के कारण नशेड़ी यहां नशा करने के लिए बैठ जाते है इस कारण से यहां लाइट लगवाई गई ताकि अंधेरा ना रहे।उसे भीअसामाजिक तत्व तोड़ कर चले गए।

उन्होंने THE BIKANER NEWS के माध्यम से प्रशासन को इस परेशानी से निजात दिलाने की गुजारिश की है।