प्रबोधक संघ ने मुख्यमंत्री से की पदनाम परिवर्तन की मांग



THE BIKANER NEWS.प्रबोधक संघ राजस्थान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला को बुधवार को एक ज्ञापन देकर प्रबोधक से वरिष्ठ प्रबोधक पद पर पदोन्नत हुए कार्मिकों के पद के अनुसार दायित्व निर्धारण करने व वरिष्ठ प्रबोधक का पद नाम बदलकर वरिष्ठ अध्यापक करने सहित लेवल प्रथम (एसटीसी) प्रबोधक का पदनाम अध्यापक करने की मांग की है ।

प्रदेश महामंत्री संजय कौशिक ने बताया कि शिक्षा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला से अपनी मांगों के समर्थन में अब तक अनेक ज्ञापन दिए जा चुके हैं साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी सिविल लाइन स्थित उनके मुख्यमंत्री आवास जयपुर में हजारों की संख्या में संघ के प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन सिंह शेखावत के नेतृत्व मे प्रबोधको ने अपनी मांग रखी थी और मुख्यमंत्री ने प्रबोधको की मांगो को जायज बताते हुए उन पर सैद्धांतिक सहमति दे दी थी और इसी दौरान अपनी ओएसडी आरती डोगरा को जल्द समाधान करने के निर्देश भी दिए गए थे। लेकिन 2 महीने से अधिक समय हो जाने के बाद भी अभी तक प्रबोधक संघ को सरकार की तरफ से कोई राहत नहीं मिल पाई है ।

मुख्यमंत्री की घोषणाओ की भी परवाह नहीं करता शिक्षा विभाग

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत 14 जून 2021 को प्रबोधक पदोन्नति की घोषणा करते हुए 5 हजार प्रबोधको को वरिष्ठ प्रबोधक द्वितीय श्रेणी अध्यापक के समकक्ष पद पर पदौन्नत करने का निर्णय लिया था लेकिन उसकी अनुपालना आज तक भी नहीं हो पाई है।

निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा बीकानेर ने प्रबोधको को पदौन्नत करना था लेकिन उसके स्थान पर प्रबोधको को पदावनत कर दिया। वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर तत्कालीन प्रारंभिक शिक्षा निदेशक बीकानेर गौरव अग्रवाल ने संघ के शिष्टमंडल को बीकानेर बुलाकर बिंदुवार वार्ता भी की थी लेकिन प्रबोधक हित में सरकार द्वारा अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है जिससे प्रदेश के 25 हजार प्रबोधक हताश और निराश हैं।

ज्ञापन के माध्यम से संघ ने मांग की है कि पदोन्नति से वंचित रहे 5392 बीएड बीपीएड योग्यता धारी प्रबोधको को भी वरिष्ठ अध्यापक पद पर पदोन्नति प्रदान की जावे। क्योंकि प्रबोधक अधिनियम में केवल एक बार ही प्रबोधक कैडर की पदोन्नति का प्रावधान है जबकि राज्य सरकार अन्य कैडरों को पांच पदोन्नति के अवसर प्रदान करती है ।
मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी प्रबोधको की किसी भी मांग को नहीं माने जाने से प्रदेशभर के 25 हजार प्रबोधको में भारी आक्रोश व्याप्त है ।
महामंत्री कौशिक ने बताया कि प्रबोधक कैडर के साथ शिक्षा विभाग में सदैव कदम कदम पर सौतेला व्यवहार होता रहा है ।

सामंत कमेटी व खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करे सरकार

प्रबोधको की वेतन विसंगतियो को भी दूर नहीं किया जा सका है जबकि संघ से वार्ता में खेमराज कमेटी और सामंत कमेटी दोनों ने ही प्रबोधको के साथ वेतन विसंगति के विषय को माना था । समायोजन के समय भी प्रबोधको के साथ भेदभाव हुआ है एडेड विद्यालयों के शिक्षकों की भांति 2008 से पूर्व की सेवा को प्रबोधक सेवा में नही जोड़ा गया है जिससे अधिकांश प्रबोधक पूरी पेंशन से वंचित रह जाएंगे।
प्रबोधक संघ ने अपने मांग पत्र में 9 -18- 27 वर्ष पर देय एसीपी के स्थान पर 8-16-24 वर्ष की सेवा पर एसीपी का लाभ दिए जाने की भी मांग की है। वहीं केंद्र के समान पेंशन योग सेवा को 25 वर्ष के स्थान पर 20 वर्ष किए जाने की भी संघ द्वारा मांग की गई है। संघ ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में जैसे समग्र शिक्षा, विवेकानंद मॉडल स्कूल, कस्तूरबा हॉस्टल, मेवात बालिका आवासीय विद्यालय, महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल एवं जनजाति छात्रावासों में सामान्य शिक्षको की भांति प्रबोधक कैडर की प्रतिनियुक्ति नहीं करने का भी आरोप लगाया है।
संघ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आश्वासन के बाद भी प्रबोधक कैडर की एक भी जायज और गैर वित्तीय मांगों का समाधान नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। शीघ्र ही मांगे नहीं माने जाने पर प्रबोधक संघ राजस्थान प्रदेश की राजधानी जयपुर में बड़ा आंदोलन खडा करने की योजना पर विचार कर रहा है।