बीकानेर। बीकानेर पर मानसून अभी पूरी तरह मेहरबान है। शुक्रवार की रात जहां बारिश ने पूरे शहर को तरबतर कर दिया, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में इतना पानी बरसा कि सुबह सड़क पर निकलना मुश्किल हो गया। खासकर खाजूवाला कस्बे में सड़कों पर सुबह तक पानी जमा रहा, जिससे आवागमन बाधित हुआ। मौसम विभाग की मानें तो शनिवार को भी बीकानेर में बारिश हो सकती है। न सिर्फ बीकानेर बल्कि आसपास के जिलों में भी अच्छी बारिश हो सकती है।
बीकानेर में शुक्रवार रात बादलवाही थी लेकिन बारिश नहीं हुई। रात करीब बारह बजे बादलों ने झिरमिर बरसना शुरू किया जो करीब आधा घंटे तक जारी रहा। इस बारिश से सड़कों पर पानी जमा हो गया। सुबह तक इस बारिश का असर दिखाई दिया। हवा में ठंडक ने गर्मी से भी पूरी राहत दी। उधर, खाजूवाला एरिया में भी अच्छी बारिश हुई है। रातभर रुक रुककर हुई बारिश से आवागमन बाधित हो गया है। मुख्य बाजार की सड़कों पर ही सुबह तक पानी-पानी रहा। ऐसे में पैदल स्कूल जाने वाले स्टूडेंट्स के साथ ही साइकिल चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।वहीं दूसरी ओर राजधानी जयपुर सहित आसपास के इलाकों में शुक्रवार को दिनभर उमस रही। शाम के समय मौसम में बदलाव हुआ। शाम को कई इलाकों में हल्की बारिश हुई। शनिवार को भी सुबह से ही उमस रही। कई बार बादलों की लुकाछिपी भी देखी गई।
इन जिलों में आरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने बताया कि शनिवार को बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा जिलों में आरेंज अलर्ट जारी किया हुआ है। इन जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा होने, आकाशीय बिजली गिरने की संभावना जताई है। इसके अलावा कुछ अन्य स्थानों पर एक या दो दौर तेज वर्षा के होने की भी संभावना है।
इन जिलों में जारी येलो अलर्ट
वहीं जालोर, जोधपुर, पाली, सिरोही, राजसमंद, भीलवाड़ा, उदयपुर, डूंगरपुर, झालावाड़, अजमेर, नागौर, गंगानगर, हनुमानगढ़ जिलों में येलों अलर्ट जारी किया हुआ है। साथ ही कुछ स्थानों पर मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग ने बारिश और तेज हवा को देखते हुए एडवायजरी भी जारी की है। लोगों को सलाह दी है कि मेघ गर्जन के समय सुरक्षित स्थान पर शरण लें। पेड़ों के नीचे शरण नहीं लें। कमजोर संरचनाएं, हल्की व ढीली बंधी वस्तुओं को नुकसान हो सकता है।
किसानों के चेहरे पर खुशी
इंदिरा गांधी नहर से कम पानी मिलने से परेशान किसानों के लिए ये बारिश खुशहाली लेकर आई है। फसलों को चौपट होने से बचाने में इस बारिश का बड़ा योगदान है। दरअसल, इंदिरा गांधी नहर से इन दिनों पानी होने के बावजूद सिंचाई के लिए एक बारी पानी दिया जा रहा है। ऐसे में बारिश सिंचाई का काम कर रही है। खेत में इन दिनों खरीफ की फसल खड़ी है। ग्वार, गम, बाजरा के साथ मूंगफली और कपास को पानी की जरूरत है। फिलहाल बार-बार हो रही बारिश से सिंचाई अच्छी हो रही है। वैसे भी बारिश के पानी को नहरी पानी से ज्यादा लाभदायी माना जा रहा है।