रमक झमक में ‘पुष्करणा सावा गणपति’ की हुई स्थापना,अब मल मास में भी हो सकेंगे कार्यक्रम










THE BIKANER NEWS. बीकानेर। मल मास लगने पूर्व रमक झमक कार्यालय में पुष्करणा सावा 2024 हेतु ‘सावा गणपति’ की स्थापना की गई तथा रमक झमक के सावा कार्यक्रमों में व गतिविधियों में कोई विघ्न बाधा न आए इसके लिये भगवान गजानन्द से सामुहिक प्रार्थना व स्तुति की गई।
रमक झमक के राधे ओझा ने बताया शुभ होरा व लग्न में लकड़ी की कठौती में मूंग भर उस पर मौली। से बने ‘सावा गणपति’ की स्थापना की गई। रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ व श्रीमती लक्ष्मी ओझा ने जोड़े से पंचोंपचार पूजन किया व गुड़ तथा मोदक का भोग लगाया।पण्डित आशीष भादाणी व दाउनारायण ओझा ने स्वस्तिवाचन,ध्यान और मंगल आरती करवाई ।उपस्थित लोगों व रमक झमक टीम कार्यकर्ताओ के तिलक कर मौलिका रक्षा सूत्र बांधा गया। उपस्थितजनों ने भगवान गजानन्द से पुष्करणा सावा में रमक झमक के कार्य्रकम निर्विघ्न सम्पन्न हो इसके लिये प्रार्थना की । रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ बताया कि मल मास में कोई भी मांगलिक कार्य प्रारंभ नहीं किये जाते और रमक झमक के अनेक आयोजन की शुरुवात आगामी दिनों मल मास में की जानी है तथा सावा कार्यालय भी खोला जाना है,इसलिये मल मास से पूर्व सावा गणेश स्थापना रमक झमक में की गई है। अब सावा सम्बन्धी कोई भी आयोजन मल मास में भी इसकी निरन्तरता में किया जा सकेगा।
सावा गणपति स्थापना पूजन एवं सामूहिक प्रार्थना में पं. कानूलाल व्यास,भवानी शंकर व्यास, भागीरथ पुरोहित,जुगल किशोर पुरोहित,नवीन बोड़ा,योगेश कोलानी, डॉ गोपाल भादाणी,धर्मेंद्र व्यास,रोहित व्यास, गोविंद छंगाणी एवं अंजनी चुरा सहित अनेक लोग शामिल हुवे।
स्थापना कार्यक्रम में साक्षी अतिथि समाज सेवी बलदेवदास आचार्य थे। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में आचार्य ने कहा कि सावा सस्कृति बीकानेर की पहचान है,इसे विश्व स्तर पर पहचान रमक झमक ने दिलाई है।
कार्यक्रम में वयोवृद्ध श्रीमती रामकंवरी ओझा व भवरी देवी छंगाणी महिला साक्षी के रूप में उपस्थित रही। इस अवसर पर श्रीमती रामकंवरी ने कहा कि अधिक से अधिक शादियां सावा में हो व कुरीतियों का प्रवेश न हो इसके लिये महिलाओं को आगे कदम रखना चाहिये। उन्होंने कहा कि छोटुजी ओझा द्वारा लगभग छः दशक पहले शुरू की गई सावा की सेवा आज रमक झमक के रूप में सबके सामने है और अब रमक झमक की जिम्मेदारियाँ पहले से अधिक बढ़ गई है। दोनों महिलाओं ने विवाह के 5 मंगल गीत गाकर गणेशजी को मनाया। जुगल पुरोहित ने ‘रमक झमक कर आओ गजानन्द ,सावा में रंग बरसाओ गजानन्द’ गीत प्रस्तुत किया। रमक झमक कार्यालय में सावा गणपति का पुष्करणा सावा सम्पन्न होने तक प्रतिदिन पूजन चालू रहेगा।