THE BIKANER NEWS.शहर के कई हिस्सों व कॉलोनियों में लोग पशु पाल रहे हैं। इन पशुपालकों द्वारा मवेशियों के गोबर आदि अपशिष्ट पदार्थों को यहां वहां खाली भूखंड़ों या सडक़ किनारे डाल दिया जाता है। इसके चलते यहां मच्छर-मक्खियां पनपने से लोग बीमार हो रहे हैं। साथ ही यहां का वातावरण भी प्रदूषित होता है।
शहरी क्षेत्र मे आवारा पशुभी बड़ी दुर्घटना को न्योता दे रहे है।आए दिन पशु आपस मे लड़ते हैं जिस से राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं।
पशु कू्ररता निवारण अधिनियम एवं खाद्य सुरक्षा अधिनियम में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि यदि कोई व्यक्ति किसी पशु को आवारा छोड़ कर जाता है तो उसको दंडित किया जा सकता है। साथ ही नगरपरिषद क्षेत्र में आवारा विचरण करने वाले पशुओं की समस्या से लोगों को निजात दिलाने की जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की बनती है। इसके लिए सरकार की ओर से शहरी निकायों को धन राशि भी मुहैया कराई जाती है।
आवारा जानवरों के खौफ से न केवल राहगीर बल्कि दुकानदार भी परेशान रहते हैं। इनके द्वारा आए दिन किसी न किसी ग्राहक या राहगीर को सींग मार कर चोटिल कर दिया जाता है। साथ ही ग्राहकों के थैले आदि में मुंह मार कर सामान को फैला देते हैं। निगम को इन आवारा जानवरों के संदर्भ में उचित व्यवस्था करनी चाहिए।