बीकानेर, 19 सितंबर। संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के पवन और सीएडी के अतिरिक्त आयुक्त दुर्गेश कुमार बिस्सा ने सोमवार को परियोजना निदेशक कृषि एवं भू-सर्वेक्षण सिंक्षे.वि. के कृषि भवन परिसर स्थिति कार्यालय में केंचुआ उत्पादन योजना (वर्मीकम्पोस्ट) का शुभारम्भ किया गया। कार्यालय द्वारा किसानों को अनुदानित दर पर केंचुए उपलब्ध करवाए जाएगें।
सीएडी आयुक्त ने इस अवसर पर खेजड़ी का पौधा भी लगाया। वन विभाग के अधिकारियों से चर्चा के दौरान उन्होंने राजकीय कृषि अनुसंधान केन्द्र, गोडू (बज्जू) पर पौधारोपण के लिए खेजड़ी के चार हजार पौधे निशुल्क उपलब्ध करवाने के लिए निर्देशित किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में रसायनों व कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से फसलों एवं सब्जियों में रसायनों के अवशेष पाए गए हैं, जिसके फलस्वरूप मनुष्यों में अनेक गम्भीर रोग उत्पन्न हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि रसायनों के दुष्प्रभाव से बचने के लिये जैविक खेती को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती के लिए वर्मीकम्पोस्ट का खेतों में अधिकाधिक प्रयोग करने व रासायनिक खाद का उपयोग कम करने के लिए किसानों को प्रेरित करने की जरूरत है, जिससे इन गंभीर बीमारियों से बचा जा सके। सीएडी आयुक्त ने कार्यालय तथा मिट्टी एवं पानी परीक्षण प्रयोगशाला का वार्षिक अवलोकन किया। उन्होंने कार्यालय में लगभग 50 वर्षों से संरक्षित कीटों के म्यूजियम का अवलोकन किया एवं निर्देशित किया कि कॉलेज व स्कूल के विद्यार्थियों को म्यूजियम का अवलोकन करवाया जाए। इस दौरान परियोजना निदेशक कृषि एवं भू-सर्वेक्षण सत्यनारायण सहित अन्य कार्मिक मौजूद रहे।