अनोखी चोरी का बड़ा खुलासा! 10 फीट गहरे गड्ढे से मिले करोड़ों रुपये के तांबे के तार



THE BIKANER NEWS:- राजस्थान के भीलवाड़ा के मांडल थाना क्षेत्र में 10 दिन पहले करीब तीन करोड़ रुपये कीमत का कॉपर बायर लगभग 55 किलोमीटर दूर रायपुर थाना क्षेत्र के अर्जुनगढ़ में 10 फीट गहरे गड्ढे में दबा हुआ मिला. पुलिस ने कॉपर वायर से भरा ट्रेलर चुराने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर इनकी निशानदेही पर गड्ढा खोदा, जैसे-जैसे गड्ढा गहरा होता गया तो अंदर से लगभग हजारों किलो कॉपर वायर के बंडल निकलने लगे. ये देख पुलिस ही नहीं, वहां मौजूद हर कोई दंग रह गया. 
पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेंकिन इस वारदात की साजिश रचने वाले और रेकी में शामिल 6 बदमाश अभी भी पुलिस गिरफ्त से दूर है. इनमें से एक आरएसी का जवान भी है, जो उदयपुर में पोस्टेड है. मांडल थानाधिकारी विनोद मीणा के अनुसार थाना क्षेत्र में शाहपुरा चौराहे से बदमाश गत 28 नवंबर की रात को कॉपर वायर के बंडल से भरा ट्रेलर चुराकर ले गए थे. इस मामले में गुजरात के वड़ोदरा स्थित इनलैंड वर्ल्ड लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के ब्रांच मैनेजर सुरेन्द्र दाहया ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. इसमें बताया कि 25 नवंबर को वड़ोदरा से ट्रेलर में मैसर्स हिंडालको इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी का 2 करोड़ 89 लाख 11 हजार 430 रुपये कीमत का कॉपर वायर लोड करके फरीदाबाद के लिए रवाना किया था. 
ट्रक ड्राइवर शाहपुरा के रहड़ का शौकीन पुत्र रामदेव गुर्जर कॉपर चोरी के गिरफ्तार आरोपी गिरोह के 6 आरोपी फरार है और तलाश में टीमें भेजी गई है. मामले में 6 आरोपी अभी भी फरार हैं, इनमें शाहपुरा निवासी रईस पुत्र फिरोज खां कायमखानी, बनेड़ा थानांतर्गत भीमपुरा निवासी आरिफ उर्फ बंटी उर्फ लाला पुत्र हबीब खो कायमखानी रायपुर थाना क्षेत्र के सुरास निवासी कन्हैयालाल उर्फ कान्हा पुत्र अंबालाल कुमावत, रायपुर थानांतर्गत कोशीथल निवासी साहिल पुत्र सफी मोहम्मद, रायपुर के बोराणा निवासी अनिल पुत्र जगदीश चंद्र और मुकेश पुत्र भंवरलाल रेगर शामिल है, जो यहां से गुजरते समय 28 नवंबर की रात को शाहपुरा चौराहा स्थित श्रीजी होटल की पार्किंग में खड़ा कर गांव चला गया. 29 नवंबर सुबह करीब 11 बजे ड्राइवर शौकीन होटल पर पहुंचा तो ट्रक नहीं मिला और उसने कंपनी मालिक को बताया. 
इस पर गत 1 दिसंबर को रिपोर्ट दर्ज करवाई गई. इस मामले में गंगापुर थाना क्षेत्र के पोटलां निवासी निर्मलकुमार पुत्र ओमप्रकाश खोईवाल और रायपुर थाना क्षेत्र के कोशीथल निवासी मुकेश पुत्र भूरालाल तेली को गिरफ्तार किया. इनकी निशानदेही पर अर्जुनगढ़ में गड्ढे में दबाकर रखे गए कॉपर वायर के बंडल जेसीबी मशीन से निकाले गए. पुलिस ने जांच शुरू की तो होटल के आस-पास के सीसीटीवी फुटेज से ट्रक मांडल की ओर आता नजर आया. 
इस पर मोबाइल लोकेशन, कॉल डिटेल से जांच की तो निर्मल खोईवाल और मुकेश तेली पकड़ में आए इन्होंने बताया कि वारदात में गिरोह बनाकर रूट की रैकी करने के लिए अलग-अलग भूमिका तय की गई. इस दौरान पूछताछ में सामने आया कि फरार नामजद आरोपियों में से आरिफ 20-25 दिन से बड़ोदरा की लॉजिस्टिक कंपनी में एवजी पर ड्राइवर का काम कर रहा था. जैसे ही ट्रक चोरी का मामला पुलिस तक पहुंचा, एक दिसंबर से वह भी गायब हो गया. दूसरी ओर लॉजिस्टिक कंपनी मैनेजर ने ड्राइवर शौकीन गुर्जर पर भी शक जताते हुए रिपोर्ट दी थी. पुलिस ने नामजद नहीं किया है, लेकिन उसकी और खलासी की भूमिका की भी जांच कर रही है और उनकी कॉल डिटेल खंगाली जा रही है. 
इस बीच में वह वारदात के लिए आरएसी के जवान रईस खां कायमखानी के संपर्क में रहा. आरिफ ने कॉपर से भरा टेलर रवाना होने और मांडल क्षेत्र में पहुंचने की सूचना अन्य बदमाशों तक पहुंचाई. आरिफ ने अपनी गाड़ी लॉबिया टोलनाके के पास खड़ी की कॉपर का ट्रेलर जैसे ही रात को शाहपुरा चौराहे पर खड़ा हुआ उसे दूसरी चाबी के जरिये स्टार्ट कर ले गया. उसने हरिपुरा चौराहा ले जाकर कोशीथल के साहिल को सौंप दिया. वहां से साहिल ट्रेलर लेकर रायपुर पहुंचा और गिरफ्तार हुए आरोपी मुकेश तेली ने निर्मल खाईबाल और कान्हा के जरिए माल बिकवाने की हामी भरी थी, लेकिन मामला बैठा नहीं. इस पर उन्होंने वायर बंडल जमीन में गाड़ दिए. 
कबाड़ी कान्हा ने कहा था कि अहमदाबाद में माल खपा दूंगा और करेड़ा हत्याकांड में फरार आरोपी सुरास के कन्हैयालाल उर्फ कान्ता कुमावत ने कहा था कि वह माल को अहमदाबाद में खपा देगा. इसलिए माल रायपुर के पास लाया गया. एमएस गैंग से जुड़ा कन्हैयालाल करीब डेढ़ साल पहले करेड़ा में युवक के अपहरण कर पीटकर हत्या के मामले में भी आरोपी रहा था. इस बीच ट्रेलर समेत माल पहुंचा तो कान्हा को डर था कि इस क्षेत्र में किसी को भनक लग गई तो उसके बारे में पुलिस को बता देगा. इसलिए उसने चोरी के बंडल जमीन में गढ़वा दिए. माल बिकता लेकिन उससे पहले ही आरोपी पकड़ में आ गए. 600 रुपए किलो का कॉपर वायर आधी रेट में बेचते तो भी सवा करोड़ कमा लेते. पुलिस ने जांच शुरू की तो कॉल डिटेल, लोकेशन के साथ-साथ लॉजिस्टिक कंपनी से ट्रेलर के जीपीएस की डिटेल मांगी गई. 
कंपनी ने पहले कहा कि ड्राइवर जीपीएस बंद होने की बात कह रहा था. डिटेल खंगालने पर सामने आया कि ट्रेलर का जीपीएस कुछ जगह बंद होकर वापस चला. रूट की पड़ताल की गई तो सामने आया कि आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए ट्रेलर को नए-नए रूट पर भी घुमाया. हालांकि पुलिस ने ट्रेलर को ट्रैक कर ही लिया और कॉल डिटेल में भी आरोपियों के नंबर इसी रूट पर ट्रेस हुए तो पुलिस को बल मिल गए.