THE BIKANER NEWS.नई दिल्ली। दाल-रोटी एक बार फिर महंगी होने लगी है। बीते एक महीने में रिटेल बाजार में गेहूं व दाल के भाव 5त्न और 4त्न तक बढ़ गए हैं। पाम ऑयल को छोडक़र सभी प्रमुख खाद्य तेलों की कीमतों में भी इस दौरान मामूली वृद्धि हुई है। दूसरी तरफ आलू, प्याज और टमाटर की औसत रिटेल कीमतों में गिरावट आई है।गेहूं का औसत रिटेल भाव 31.90 रुपए प्रति किलोकेंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने के लिखित जवाब में कहा, च्देश में गेहूं और दाल जैसी जरूरी वस्तुओं की औसत रिटेल कीमतों में हाल के महीनों में कोई तेज और लगातार वृद्धि नहीं हुई है।ज् गोयल के मुताबिक, 6 दिसंबर को गेहूं का औसत रिटेल भाव एक महीने पहले के 30.50 रुपए की तुलना में 31.90 रुपए प्रति किलो हो गया।35.20 रुपए से बढक़र 37.40 रुपए हुआ आटासरकार ने आटे की औसत रिटेल कीमत की जानकारी नहीं दी। लेकिन सरकार की मूल्य निगरानी प्रणाली के ब्योरे से पता चलता है कि आटे की कीमत एक महीने पहले 35.20 रुपए की तुलना में 6त्न बढक़र 37.40 रुपए प्रति किलो हो गई है। दालों में, चना दाल की कीमत पिछले एक महीने में 2त्न बढ़ी है। ठीक एक महीने पहले चना दाल का औसत भाव 110.90 रुपए प्रति किलो था। मंगलवार को यह 112.80 रुपए प्रति किलो भाव पर बिकी। अन्य दालों के भाव में लगभग स्थिरता देखी गई।देश के ज्यादातर इलाकों में गेहूं के भाव अभी रूस्क्क से 30-40 फीसदी ऊपर है। व्यापारियों का कहना है कि मौजूदा भाव करीब-करीब रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर बना हुआ है। बीते 4 महीनों में कीमतें धीरे-धीरे बढ़ते हुए रिटेल में 32 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं।महंगाई बढऩे के कारण क्या है?महंगाई के बढऩे का सीधा-सीधा मतलब आपके कमाए पैसों का मूल्य कम होना है। उदाहरण के लिए, यदि महंगाई दर 7त्न है, तो आपके कमाए 100 रुपए का मूल्य 93 रुपए होगा। ऐसे कई फैक्टर हैं जो किसी इकोनॉमी में कीमतों या महंगाई को बढ़ा सकते हैं। आमतौर पर, महंगाई प्रोडक्शन कॉस्ट बढऩे, प्रोडक्ट और सर्विसेज की डिमांड में तेजी या सप्लाई में कमी के कारण होती है। महंगाई बढऩे के 6 बड़े कारण होते हैं: