
THE BIKANER NEWS:- राजस्थान की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात देश के सीमा प्रहरियों को अब कुछ ऐसे साथी मिल गए है जिनके साथ मिलकर देश का जांबाज अब देश की रक्षा करेंगे. जहां अब एक दो नही बल्कि पूरे 36 ऐसे साथी जहाज को इंटरनेशनल बॉर्डर पर तैनात करने की तैयारी है. जिसके जरिए ना केवल देश की सुरक्षा होगी बल्कि ऐसे जगहों से पर भी नजर रहेगी जहां से घुसपैठिए भारतीय सीमा में घुस आते है. रेत के ऊंचे- ऊंचे टीलों पर भी पाक के नापाक मंसूबो पर नजर रखने में आसानी होगी. भारतीय बेड़े में 36 ऊंट शामिल किये गये. ये अब सुरक्षा का दल का हिस्सा बनेंगे. जिसे हाल ही में बीएसएफ की सुरक्षा सिस्टम में शामिल किया गया है.
36 ऊंटों का दल बीएसएफ टीम में शामिल
एक दो तीन नहीं बल्कि पूरे 36 ऊंटों का ये दल बीएसएफ (BSF) टीम में शामिल किया गया है. ये वो है जो कई शदियों से राजस्थान के जीवन का बड़ा हिस्सा रहे है. जिसे रेगिस्तान का जहाज भी कहा जाता है. देश की सुरक्षा में तैनात बीएसएफ के जवानों का सबसे मजबूत साथी भी रहा है. देश की सुरक्षा में तैनात बीएसएफ के जवान दिन- रात देश की रक्षा में तैनात है लेकिन पहाड़ों से लेकर रेगिस्तान तक बॉर्डर की रक्षा करना इतना आसान नहीं है. खासकर राजस्थान के रेत के टीलों पर चढ़ाई करना और पाक के नापाक मंसूबे पर नजर रखना और दुश्मन देश की हर गतिविधि पर नजर रखना आसान नहीं है. ऐसे में इन रेतीले टीलों पर जहां चलना मुश्किल है. इस मुश्किल को आसान बनाता है यहां का वो प्राणी जो हर परिस्थिति में रेगिस्तान में बिना थके चलने वाला ऊंट है.
बीएसएफ में शामिल इन ऊंटों को बीकानेर के बीएसएफ के प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षित किया जाएगा. ऊंटों को 5 साल की उम्र से ट्रेनिंग दी जाती है. इसलिए 4-6 साल के प्रशिक्षण केंद्र में ऊंटों को बैंड की धुनों, तेज आवाज के साथ संयोजन, चलने का क्रम, उठने-बैठने का तरीका, गर्दन घुमाना सिखाया जाता है. एक ऊंट बीएसएफ में करीब 15 साल तक सेवाएं देता है. उसके बाद उसे सेवानिवृत्त कर दिया जाता है.


