ज्योतिषदेशधर्म

कब है लक्ष्मी पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त,कितने बजे लगेगा सूतक और ग्रहण आइये जानते है

THE BIKANER NEWS

Diwali 2022 Lakshmi Pujan Muhurat:

दीपों का त्यौहार दीपावली पर गुलाबीनगरी की धरा पर चांद-सितारे उतर आए हैं. हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार दीपावली बडी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. पूरा शहर रोशनी से जगमग हो उठा है. घर-घर दीप जलाकर माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाएगी. वहीं दियों की रोशनी से अमावस्या की रात रोशन होगी

यह है सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त
दीपावली रोशनी का उत्सव है. दीपों के उजास का उत्सव है. इस बार हस्त-चित्रा नक्षत्र, वैधृति-विष्कुंभ योग में प्रकाश पर्व का मुख्य उत्सव दिवाली चतुर्दशी युक्त अमावस्या के रूप में सेलिब्रेशन होगा. घर-घर आस्था के दीये जलेंगे. कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी उपरांत अमावस्या प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन होगा. ज्योतिषाचार्य विनोद किराड़ू ने बताया कि सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त प्रदोष काल, स्थिर- वृष लग्न, स्थिर कुंभ नवमांश का समय शाम 7.15 से 7.28 मिनट तक रहेगा. अतः यह सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा. 

सुख समृद्धि के प्रतीक गणेश-लक्ष्मी और कुबेर की पूजा
अति आवश्यकता होने पर दोपहर में अभिजीत मुहूर्त में 11.49 बजे से 12.33 बजे तक साथ ही 2.59 बजे से शाम 5.47 बजे तक पूजा की जा सकती है. सुख समृद्धि के प्रतीक गणेश-लक्ष्मी और कुबेर की पूजा के साथ धूम-धड़ाका देर रात तक चलता रहेगा. शहर में पूजा के मंत्रों के स्वर गूंजेंगे. मां लक्ष्मी के आगमन की तैयारियों में दीपमालाओं से पूरा शहर जगमग हो चुका है. व्यापारी बही पूजन कर व्यापार में समृद्धि की कामना करेंगे तो घरों में पूजन कर परिवार की खुशहाली की मन्नत करेंगे.

दीपावली पूजन के मुहूर्त चौघड़िए

: सूर्य ग्रहण दिवाली के अगले ही दिन यानी 25 अक्तूबर 2022 को लगने जा रहा है। यह आंशिक ग्रहण होगा जिसे देश के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। हिंदू धर्म में दिवाली सबसे प्रमुख त्योहार में से एक है। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और गणेश जी की विशेष पूजा-आराधना की जाती है। लेकिन इस बार दिवाली पर सूर्य ग्रहण का साया भी पड़ रहा है। दिवाली के अगले दिन ग्रहण होने से इस बार महापर्व के दौरान सूर्यग्रहण का साया रहेगा। दिवाली के अगले दिन ग्रहण होने से गोवर्धन पूजा दिवाली के तीसरे दिन मनाई जाएगी। यह स्थिति 27 वर्ष  पूर्व भी हुई थी। अब 27 वर्ष बाद ग्रहण के कारण दिवाली के तीसरे दिन गोवर्धन पूजा होगी। ग्रहण हमेशा अमावस्या की तिथि को पड़ता है और  दिवाली भी अमावस्या तिथि को ही मनाई जाती है। वहीं ग्रहण शुरू होने से पहले सूतक काल भी शुरू हो जाता है ऐसे में दिवाली की रात से ही सूतक काल शुरू हो रहा है। आइए जानते हैं दिवाली पूजा और लक्ष्मी पूजन पर सूर्य ग्रहण का क्या प्रभाव पड़ेगा और कितने बजे से सूतक काल शुरू होगा। 

सूर्य ग्रहण के कारण लक्ष्मी पूजा पर असर

रोशनी का पर्व दीपावली 24 अक्तूबर 2022 को है। दिवाली के अगले ही दिन यानि 25 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है। ऐसे में दिवाली की रात से ही सूतक लगेगा। हालांकि ज्योतिषविदों के अनुसार सूर्य ग्रहण के कारण लक्ष्मी पूजन पर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही  8 नवंबर 2022 को देव दिवाली के दिन साल के अंतिम चंद्र ग्रहण का प्रभाव भी देखने को मिलेगा। 

सूतक काल का समय

सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पूर्व आरंभ हो जाता है। इस हिसाब से 24 अक्तूबर की मध्यरात्रि से ही सूतककाल आरंभ हो जाएगा। सूतक काल का समय दिवाली की रात यानी 24 अक्तूबर की रात को 02:30 बजे से शुरू हो होगा जो अगले दिन 25 अक्तूबर की सुबह 04: 22 बजे समाप्त होगा। 

भारत में होगा आंशिक सूर्य ग्रहण

दिवाली के अगले दिन लगने जा रहा सूर्य ग्रहण भारत में आंशिक रूप से देखने को मिलेगा।  सूर्य ग्रहण काअ आरंभ 25 अक्तूबर को दोपहर 02: 29 मिनट से शुरू होगा और सायं 06: 32 मिनट पर समाप्त होगा। सूर्य ग्रहण की अवधि करीब 4 घंटे 3 मिनट की होगी। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!