google.com, pub-1586814154292719, DIRECT, f08c47fec0942fa0
बीकानेरशिक्षा

बीकानेर के अमाइटी युनिवर्सिटी के छात्र हिमांशु आचार्य ने बीसीए में जीता स्वर्ण पदक

THE BIKANER NEWS:-बीकानेर, 8 फरवरी। बीकानेर के हिमांशु आचार्य ने अमाइटी विश्वविद्यालय में बीसीए स्नातमक डिग्री अध्ययन करते हुए अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा तक प्रथम रेंक पर रहते हुवे स्वर्ण पदक जीता है।

हिमांशु आचार्य बीबीएस तथा एसजेपीएस कॉमर्स के छात्र रहे है और स्नातक अध्ययन अमाइटी की गुरुग्राम स्थित कैंपस से किया है।

यहां पर लगातार तीन वर्ष तक 6 सेमेस्टर मे प्रथम स्थान पर रहते हुए अंतिम परिणाम मे प्रथम रैंक है। आचार्य ने बीसीए के परीक्षा परीणाम मे 95 प्रतिशत अंक हासिल कर यह पदक जीता है।आज 8 फरवरी 2025 को विश्वविद्यालय द्वारा दिल्ली कैंट के मानेकशॉ ऑडिटोरियम में आयोजित दीक्षांत समारोह मे एमिटी विश्विद्यालय के संस्थापक चौहान सर के साथ विश्विद्यालय के कुलपति तथा मुख्य अतिथि डॉ. अरविन्द सिंह, श्री श्रीनिवास रेड्डी, श्री अनिल अग्रवाल तथा प्रोफेसर एंड्रयू एम लिन द्वारा
हिमांशू आचार्य को इस समारोह में ग्रेजुएशन डिग्री तथा स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया।

यह पदक अमाइटी के वाइस चांसलर डॉ. पी. बी. शर्मा एवं एमिटी साइंस इनक्यूबेशन के प्रधान डॉ. सेल्वा मूर्ति ने प्रदान किया।

आचार्य ने विश्वविद्यालय में रहते हुए अंतराष्ट्रीय विज्ञान जर्नल आई ईईई में एआई ह्यूमनॉइड पर अपना शोध पत्र भी प्रसार किया जिसको सर्वश्रेष्ठ शोध में शामिल करते हुए विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के कैंपस प्लेसमेंट में भी आचार्य का चयन एक एमएनसी सॉफ्टवेयर कम्पनी द्वारा कर लिया गया था जो कि बीसीए से एक मात्र कैंपस चयन था। 6 माह पूर्व बीसीए पूर्ण करने के बाद चयनित कंपनी में जॉब में काम ना करते हुए गुरुग्राम स्थित एक अन्य एमएनसी में जॉइन किया हे ए आई तकनीक पर विशेष कार्य कर रही है।

गौरतलब है कि हिमांशु अपने परिवार में तीसरी जेनरेशन के आईटी प्रोफेशनल हो गये है। हिमांशु के दादा सत्यनारायण आचार्य द्वारा बीकानेर में ही वर्ष 1991 से कंप्यूटर आधारित खाता खतौनी सहित सॉफ्टवेयर कंसलटेंसी की सेवाएं देते रहे है वहीं हिमांशु के पिता ऋषि आचार्य ने 1995 में कम्प्युटर सॉफ्टवेयर निर्माण करने शुरू कर दिये थे और देश विदेश में उनके बनाये सॉफ्टवेयर चल रहे है।

आचार्य के पदक ग्रहण समारोह में दादा, पिता के साथ माता बिंदु व अनुज दिव्यांशु आचार्य मौजूद रहे। अपनी इस उपलब्धि को हिमांशु की इस उपलब्धि पर समाज के कई गणमान्य जनों ने परिवारजनों को बधाई पेषित करते हुए अपनी उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं भेजी है।

Back to top button