भारतीय दंड संहिता को शक्ति से लागू किया जाए ताकि पशु और पक्षियों के साथ क्रूरता और अन्यान्य न हो- मानवी

THE BIKANER NEWS. पशु पखवाड़ा हर वर्ष दिनांक 14 जनवरी से 30 जनवरी तक मनाया जाता है ताकि सभी जानवरों के प्रति सम्मान, दया करूणा के साथ व्यवहार करने के लिए नागरिकों में जागरूकता पैदा की जा सके।वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा इस पखवाड़े में रैलियां निकाली जाती है। जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पशु पखवाड़े में अधिक से अधिक जानवरों के प्रति लोगों में करूणा दया के लिए जागरूक करने हेतु साहित्य वितरण किया जाए, स्कूलों में भाषण दे कर, घायल पशु हीन , जानवरों की मदद कर तथा बूचड़खाना का दौहरा करना और पशु आश्रमों का जानकारी प्राप्त कर के अधिक से अधिक समाजसेवी को जागरूक करना ही पशु पखवाड़े का मूल उद्देश्य है।
सभ्यता के आरंभ से ही जानवरों ने मानव कल्याण के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है ।
यह मनुष्यों का भी दायित्व है कि वो अपने लालच के लिए जानवरो का दुरपयोग न करें।
पशु पखवाड़े का मूल उद्देश्य यही है कि सरकारी प्रतिनिधित्व कर रहे अधिकारी राज्य पशु कल्याण बोर्ड, पशु क्रूरता निवारण समिति इस कार्य की जागरूकता पैदा करते हैं और जानवरों को दुर्व्यवहार से बचाने के लिए प्रर्वतन अधिकारी और सम्बंधित हितधारकों को संवेदनशील बनाते हैं ।एडब्ल्यूओ हमारी “(करूणा इंटरनेशनल क्लब चेन्नई”) के द्वारा भी बच्चों को मानवीय शिक्षा प्रदान करने के लिए स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम चलाते हैं ।
वर्तमान समय में यह और भी महत्वपूर्ण है कि मनुष्य जानवरों के साथ सह अस्तित्व में रहना सीखें और यह हमारा नैतिक कर्तव्य है कि हम देखें कि जानवरों के साथ मानवीय और करूणा पूर्ण व्यवहार किया जाएं। जानवरों के प्रति क्रूरता को रोकने की अवधारणा जागरूकता अभियानों और आम जनता तथा सम्बंधित हितधारकों को मानवीय शिक्षा प्रदान करने के माध्यम से बहुत अच्छी तरह से काम करेगी ।
राष्ट्रीय पिता महात्मा गांधी ने कहा था कि ॓॓” किसी राष्ट्र की महानता और उसकी नैतिक प्रगति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उस। देश में जानवरों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है “।
पशुओं के साथ किये जा रहें क्रूरता के कुछ उदाहरण
( 1) किसी पशु को पिटता, ठोकना, तथा बहुत ज्यादा सवारी करना
( 2) किसी पशु पर बहुत ज्यादा बोझ डालना
( 3 ) किसी पशु या पक्षी को नुक्सान पहुंचाना
( 4 ) वर्तमान में आसमान में उड़ाई जा रही पतंग के साथ चाइनीज मांझा लगाना
एसी क्रूरता के लिए तथा पक्षियों के साथ छेड़छाड़ के लिए भारत में कई कानून और प्रावधान भी है ।
जैसे : भारतीय दंड संहिता ( आइ पी सी )की धारा 428 के तहत तथा धारा 429 के तहत पांच साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों भी हो सकतें हैं ।
मेरा मानना है कि इस भारतीय दंड संहिता को शक्ति से लागू किया जाए ताकि पशु और पक्षियों के साथ क्रूरता और अन्यान्य न हो ।
करूणावान मानवी सोलंकी
पुत्री राजकुमार सोलंकी
कक्षा 7 वीं शीतला गेट बीकानेर