स्वास्थ्य

शुद्ध के लिए शुरू हुआ संयुक्त युद्ध

एडीसी ने 4 दवाओं के लिए सैंपल खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने गंगाशहर व खारा क्षेत्र में भरे 6 सैंपल बाट माप के केस भी दर्ज

बीकानेर, 10 जून। आमजन को शुद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ तथा औषधि उपलब्ध हो सके, इसके मद्देनजर ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान शुक्रवार को शुरू हुआ। इसके लिए जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय प्रबंधन एवं संचालन समिति का गठन कर बैठक की गई और संयुक्त जांच दल द्वारा निरीक्षण प्रक्रिया शुरू की गई।

शुक्रवार को अतिरिक्त औषधि नियंत्रक सुभाष मुटनेजा के नेतृत्व में विभिन्न दवा केंद्रों का निरीक्षण कर 3 कैप्सूल व एक टेबलेट के नमूने संग्रहित किए गए। पीबीएम अस्पताल रोड, मेडिकल कॉलेज रोड, वैद्य मघाराम कॉलोनी व सादुलगंज क्षेत्र के 4 मेडिकल स्टोर से रेबीप्राजोल डोमपेरीडोन, अमोक्सिसिल्लिन व ओमवेल डी कैप्सूल के नमूने एकत्र किए गए। इन्हें औषधि परीक्षण प्रयोगशाला जयपुर जांच के लिए भेजा जाएगा। जांच दल में औषधि नियंत्रण अधिकारी चंद्रकांत शर्मा, जितेंद्र कुमार बोथरा, शेखर चंद्र चौधरी व लोकेश सिंह शामिल रहे।

खाद्य जांच दल ने किए 3 निरीक्षण
सीएमएचओ डॉ. बी.एल. मीणा ने बताया कि खाद्य जांच दल द्वारा गंगाशहर व खारा क्षेत्र में तीन निरीक्षण किए गए। निरीक्षण के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी महमूद अली द्वारा कुल 6 खाद्य नमूने एकत्र किए गए। इनमे सूजी, मैदा, बेसन, आटा, दलिया व सोयाबीन तेल के एक-एक नमूने शामिल हैं।

बाट माप और पैकेजिंग की हुई जांच
विधि एवं माप अधिकारी गोकुल चंद मीणा द्वारा विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 एवं डिब्बाबंद वस्तु नियम 2011 के तहत फर्म ऋषभ जनरल स्टोर, सेठिया पापड़ गंगाशहर, वर्धमान व्हीट खारा पर बांट माप और पैकेजिंग की जांच की गई। जांच में बाट असत्यापित पाए गए। वर्धमान व्हीट द्वारा डिब्बाबंद पैकेज पर आवश्यक जानकारी प्रदर्शित नहीं की हुए थी और 7 इलेक्ट्रॉनिक कांटे बिना सत्यापन के काम में लिए जाने पाए गए। मीणा द्वारा उक्त अधिनियम के तहत केस दर्ज किए गए हैं।

चिकित्सा, रसद, पुलिस व औषधि नियंत्रण विभाग की संयुक्त टीम करेगी कार्रवाई
जिला कलेक्टर ने बताया कि शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत इस बार नशीली व नकली दवाओं की जांच भी की जाएगी। फूड शेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006, ड्रग्स एवं कोस्मेटिक एक्ट 1940 तथा ड्रग्स एंड मैजिक रिमेडिस एक्ट 1954 के तहत जिले के हर उपखंड स्तर पर एक-एक टीम गठित की जाएगी। टीम में चिकित्सा विभाग की ओर से खाद्य सुरक्षा अधिकारी के अलावा रसद विभाग, औषधि नियंत्रक विभाग व पुलिस के सदस्य भी शामिल होंगे, जो अपने- अपने विभाग के अनुसार कार्रवाई करेंगे। विधि बाट माप विज्ञान अधिकारी, डेयरी प्रतिनिधि भी इसमें शामिल किए जा सकेंगे।

नशीली व नकली दवाईयां मिलने पर मेडिकल स्टोर का लाइसेंस होगा निरस्त
विभागों की संयुक्त टीम खाद्य सुरक्षा के तहत दूध, मावा, पनीर व दुग्ध उत्पादों, आटा, बेसन, खाद्य तेल, घी, सूखे मेवे व मसालों, बाट एवं माप की जांच करेगी। यह टीमें नशीली व नकली औषधियों के तहत नशीली व नकली दवाओं की बिक्री रोकने के लिए चिन्हित मेडिकल स्टोर का निरीक्षण के साथ-साथ नकली व अवमानक दवाओं के संदिग्ध मेडिकल स्टोर की जांच व नमूने लेना, आपत्तिजनक विज्ञापन व चमत्कारी औषधियों के प्रकरण के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई के लिए एफआईआर दर्ज करवाने, नशीली व नकली दवा पाए जाने पर लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही करेगी। इसके अलावा बाट-माप तोल अधिकारी सही तौल व पुलिस इन मामलों में कानूनी कार्रवाई करेंगे।

मिलावटी खाद्य सामग्री के मामलों का 90 दिन में होगा निस्तारण
खाद्य पदार्थों में मिलावट की रोकथाम के लिए मिलावटी खाद्य सामग्री के मामलों का निस्तारण राज्य सरकार के आदेशानुसार 90 दिन की अवधि में किया जाएगा। खाद्य एवं औषधि नियंत्रण विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार खाद्य पदार्थों के सब स्टैण्डर्ड, मिस ब्रॉड व अनसेफ के प्रकरणों की आवश्यक जांच के बाद चालान एडीएम न्यायालय में प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है। अब ऐसे प्रकरणों की एडीएम न्यायालय सप्ताह में एक बार सुनवाई सुनिश्चित करेगा।

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