करणी माता मंदिर के आस-पास दिखे टाइगर,करणी माता मंदिर जाएं तो ध्यान रखें

राजस्थान खबर:-करणी माता का मेले का गुरुवार को दूसरा दिन है। दूसरे दिन भी सुबह से काफी भक्त पहुंचे हैं। बाला किला बफर जोन के जंगल में मंदिर है। यहां आसपास टाइग्रेस एसटी 19 के दोनों शावक बराबर देखे गए हैं। शावक भी अधिकतर सुबह और शाम के समय नजर आए हैं। इसलिए मंदिर आने वाले भक्तों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है। असल में टाइगर के पगमार्क भी मिले हैं। इसके बाद वन प्रशासन ने कई जगहों पर स्टाफ को तैनात किया है। ताकि भक्तों को जानकारी मिलती रहे।
सरिस्का गेट सेलेकर कई जगहों पर वनकर्मियों को तैनात किया गया है।
सुबह-शाम अधिक खतरा
डीएफओ डीपी जागावत ने बताया कि भक्त मंदिर वाले रास्ते से सीधे आ-जा सकते हैं। जंगल में कहीं ट्रैकिंग के लिए नहीं जाएं। यहां टाइगर की साइटिंग होती रही है। वैसे भी जंगल में जाने की अनुमति नहीं है। केवल मंदिर में मां के दर्शन करने की छूट है। वैसे अलग-अलग प्वाइंट पर वन स्टाफ की ड्यूटी लगी है। ताकि भक्तों को जानकारी भी दी जा सके।
प्रतापबंध चौकी तक देखे जा चुके
करीब 20 दिन पहले प्रतापबंध चौकी तक टाइगर देखे गए हैं। उसके बाद से लगातार प्रतापबंध, बाला किला, करणी माता मंदिर के आसपास उनकी साइटिंग भी होती रही है। इस कारण विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
घट स्थापना व नौ कुंडीय यज्ञ
पहले दिन मां दुर्गा की शैली पुत्र के स्वरूप में पूजा हुई। घरों में दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती व रामचरित मानस के पाठ भी शुरू किए गए।शाम के समय आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
करणी माता मंदिर जाएं तो ध्यान रखें
- करणीमाता मंदिर के पास दुपहिया वाहन पार्किंग रहेगी।
- प्रतापबंध वन विभाग के नाके के पास चौपहिया वाहन पार्किंग होंगे। रामायणी हनुमान मंदिर से प्रतापबंध के पास तक प्रसाद वाले और खोमचे की दुकानें रहेंगी।
- अपने साथ प्रसाद व नारियल ले जाना चाहे तो ले जा सकते हैं।
- एक दुपहिया वाहन पर दो लोगों को ही जाने की अनुमति होगी। चालक को हेलमेट पहनकर जाना जरूरी है।
- चौपहिया वाहनों को प्रतापबंध के पास स्थित वन विभाग के नाके से आगे नहीं जाने दिया जाएगा।
- डीजे व लाउड स्पीकर बजाने पर प्रतिबंध रहेगा।
- पॉलीथिन ले जाने व उपयोग करने पर प्रतिबंध है।
- मंदिर के रास्ते पर मन चाहे जहां दुकान नहीं लगा सकेंगे।