कर्म-मां ब्रह्म गायत्री के सवा लाख जप-तप का दशम चरण अनुष्ठान कल पुष्करणा साधकों द्वारा संपन्न हुआ

कोलकाता खबर:-पुष्करणा समाज की कर्म भूमि बंग प्रदेश भूमि के लिलुआ स्थित पुष्करणा ब्राह्मणौ की तपस्थली पुष्करणा ब्रह्म बगीचा में पुष्करणा पूर्वजों की तपोभूमि मां गायत्री यज्ञशाला में *मां ब्रह्म गायत्री के सवा लाख जप-तप का दशम चरण अनुष्ठान* दिनांक २९.०९.२०२४ वार रविवार को पुष्करणा साधकों द्वारा संपन्न हुआ।
अनुष्ठान की पूजा कोलकाता समाज के चहेते वरिष्ठ समाजसेवी श्री हीरालाल जी किराडू एवं भगवताचार्य ब्यास गद्दी पीठाधीश श्री नागेश जी ब्यास के द्वारा अनुष्ठान आचार्य पं नवरतन कल्ला एवं सहयोगी पं गिराज हर्ष एवं पं जसराज ब्यास ने संपन्न करवाई।
विप्रसाधक पं भवानी शंकर देराश्री, गिर्राज पुरोहित (घन्नू), अरुण जी पुरोहित एवं अन्य विप्रगणौ ने जप-तप अनुष्ठान के भागीदारी के साथ गायत्री यज्ञशाला मंदिर की सफाई,ऋंगार एवं पुष्प सज्जा से सुसज्जित किया।धन्नजय ब्यास एवं पं आदित्य कलवाणी ने भोजन जलपान की व्यवस्था सम्भाली।
गायत्री जप-तप अनुष्ठान में हमारे वरिष्ठ व्यवसायी श्री दाऊजी देराश्री हमारे प्रेरणास्त्रोत भगवताचार्य पं शिव किशन जी किराडू,श्री विजय कुमार जी ब्यास, श्री उत्तम जी रंगा पं मनोहर जी श्री माली,श्री गिर्राज पुरोहित,श्री मेघराज आचार्य,पं संजय बिस्सा,श्री सुरेन्द्र पुरोहित,श्री गिरिराज हर्ष,पं जगमोहन ब्यास,पं गोवर्धन ओझा (अन्ना),पं गोपाल पुरोहित ने अपनी भागीदारी निभाई।
समस्त विप्र साधकों द्वारा वेदोंचारण के साथ यज्ञ एवं आरती कर दशम अनुष्ठान की पुर्णवती हुईं। ब्रह्म साधकों ने अपने ब्रह्म तेज मंत्रौचार से पुष्करणा ब्रह्मबगीचा गायत्री यज्ञशाला को दिव्य ज्योति के आयाम पर ले गये। अस्वस्थता कारण अनुपस्थित रह कर भी विप्र साधक पं सागर ओझा ने घर पर जप-तप किया।
अनुष्ठान की सूचना प्रसारित कर पं सुरेन्द्र जी ओझा, आनंद जी पुरोहित एवं श्री सच्चिदानंद पारिक ने अपना सहयोग प्रदान किया। ब्रह्म गायत्री अनुष्ठान में हमारे चहेते गीतकार भैरव कलवाणी, छायाकार सत्यनारायण जोशी,श्री राजकुमार पुरोहित श्री लक्ष्मीनारायण ब्यास, श्री किशन जी पुरोहित,श्री राजकुमार आचार्य,श्री घनश्याम ब्यास एवं अन्य विप्र बन्धुओं ने उपस्थिति रह कर हम पुष्टिकर विप्र साधकों का मार्गदर्शन किया।
सभी विप्र बन्धुओं का प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष सहयोग मिला।आप सभी का इस अनुष्ठान के जप- तप धारी विप्रसाधक सहृदय प्रणाम एवं आभार व्यक्त करते हैं
आशा है ब्रह्म गायत्री जप-तप का *”एकादश”चरण* अनुष्ठान पुष्टिकर विप्रवर के सहयोग से शीघ्रातिशीघ्र होगा,एवं अधिकाधिक संख्या में विप्रवर इस अनुष्ठान से जुड़ेंगे। पुनः सभी को पुष्टिकर विप्र साधकों का सादर प्रणाम।