
THE BIKANER NEWS:-बीकानर 14 फरवरी बुधवार:- माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। इस बार बसंत पंचमी 14 फरवरी को मनेगी। शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से मां लक्ष्मी और देवी काली भी प्रसन्न होती हैं। इस दिन सरस्वती माता अपने हाथों में पुस्तक, वीणा और माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान हो कर प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही बसंत पंचमी से ही वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। इस दिन ही रामचंद्रजी शबरी के आश्रम में गए थे।
बसंत पंचमी पर सर्वार्थ सिदि्ध, रवि योग के साथ अश्विनी व रेवती नक्षत्र का अद्भुत संयोग बन रहा है। यह अबूझ मुहूर्त होता है। इस दिन कई शुभ कार्य किए जा सकते हैं, जैसे शादी-ब्याह में शुभ मुहूर्त अति आवश्यक है, लेकिन बसंत पंचमी पर अबूझ मुहूर्त रहता है यानी कि ये पूरा दिन विवाह के लिए शुभ माना जाता है। वहीं, मंदिरों में भी इस दिन विशेष पूजा-अर्चना होती है। ठाकुरजी के मंदिरों में फागोत्सव शुरू हो जाता है।
पीले वस्त्रों में करें मां सरस्वती की आरााधना
बसंत पंचमी पर सर्वार्थ सिदि्ध, रवि योग के साथ अश्विनी व रेवती नक्षत्र का अद्भुत संयोग बन रहा है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। मां सरस्वती का विधि पूर्वक स्मरण व पूजा करने से भक्त को बुद्धि और विद्या का वरदान मिलता है। इस दिन नहा-धोकर सबसे पहले पीले वस्त्र धारण कर लें। देवी मां को सफेद वस्त्र अर्पित करें। साथ ही खीर अथवा दूध से बने प्रसाद का भोग मां सरस्वती को लगाएं। इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है। ऐसे में विवाह, गृह प्रवेश, विद्यारंभ संस्कार, मुंडन, जनेऊ और अन्न प्राशन संस्कार आदि शुभ फलदायी होता है।
बसंत पंचमी : पूजन मुहूर्त – प्रातः 07:10 से दोपहर 12:23 तक