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जुर्मबीकानेर

जिला प्रशासन की चाइनीज मांझे के खिलाफ मुहिम की खुली पोल, एक दिन में 200 से ज्यादा घायल पहुचे अस्पताल, दो घायलो का करना पड़ा ऑपरेशन

THE BIKANER NEWS:-बीकानेर 11 मई, बीकानेर के स्थापना दिवस पर एक तरफ पूरा शहर छतों पर पतबगबाजी करके खुशियां मना रहा था वही दूसरी तरफ लोग चाइनीज मांझे से जख्मी होकर अस्पताल पहुच रहे थे। चाइनीज मांझे के खिलाफ प्रशासन के अभियान की गुरुवार और शुक्रवार वार को पोल खुल गयी। कल आखातीज को 250 से ज्यादा घायल पीबीएम सेटेलाइट और प्राइवेट अस्पतालों में पहुचे है जिसमे ज्यादातर लोगों के घाव गहरे है और गर्दन पर है। और इसे बड़ी हैरानी की बात यह है की पिछले एक महीने से जिला प्रशासन इस जानलेवा चाइनीज मांझे के खिलाफ मुहिम चला रहा है। इसके बाद भी लोग इसका उपयोग कर रहे है। जिसका नतीजा यह है की राह चलते बाइक सवार की गर्दन सांस नली तक कट गई गनीमत यह रही कि किसी की जान नही गयी। लेकिन जिन लोगो की गर्दन, आँख, नाक, हाथ पांव में गहरे घाव हुए है वे प्रसासन की अनदेखी और जो दुकानदार इस मांझे को बेच रहे थे और वे लोग जिनको ये पता होते हुवे भी की इसे किसी की जान भी जा सकती है फिर भी पतंग उड़ाई है उन सब की जवाबदेही है।

दो मरीज ऐसे थे जिनकी जान ऑपरेशन कर के बचाई

पीबीएम के ट्रोमा सेंटर में कल सुबह से ही घायल मरीजों के पहुचने का सिलसिला जारी था दोपहर तक उनकी संख्या में इजाफा होने लगा शाम होते होते मांझे से गर्दन कटने वालो की संख्या 80 के पास पहुच गयी।

घायलो में दो मरीज ऐसे थे जिनके आधा सेंटीमीटर मंझा गर्दन के अंदर चला जाता तो सांस नली ही कट सकती थी। दोनो का ऑपरेशन कर के जान बचाई गयी। फिलहाल दोनों खतरे से बाहर है।

24 घंटे अलर्ट मोड में रहे डॉक्टर- सीएमओ डॉ. एलके कपिल
चाइनीज मांझे से घायल होकर हॉस्पिटल पहुंचने वाले मरीजों के लिए डॉक्टरों को कुछ दिन पहले ही अलर्ट कर दिया था। शुक्रवार को ईएनटी, ऑर्थो, आई हॉस्पिटल, स्किन, सर्जन
और एनेस्थीसिया के डॉक्टर 24 घंटे ट्रोमा सेंटर में मौजूद रहे। ईएनटी के प्रोफेसर एवं एचओडी डॉ. गौरव गुप्ता भी लगातार गंभीर घायलों का फीडबैक ले रहे थे।।ट्रोमा सेंटर में मौजूद डॉक्टरों में ईएनटी के सहायक आचार्य डॉ. मनफूल महरिया, डॉ.
सैफाली, डॉ. आयुषी, डॉ. राजीव, एनेस्थीसिया के डॉक्टर सुनील, डॉ. शिखा, नर्सिंग ऑफिसर संजय जांगिड़, अनिल, राजेंद्र, राजकुमार खड़गावत और त्रिलोक सिंह राजपूत का
सहयोग रहा।

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