
THE BIKANER NEWS:-11 अगस्त 2024, बीकानेर।। स्थानीय बेनीसर बारी के बाहर, चूना भट्टा के पास चल रहे संगीतमय सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ कथा सत्र के तृतीय दिवस पर कथा वाचक श्री लालजी वैरागी ने दक्ष यज्ञ विध्वंश, ध्रुव उपाख्यान, पृथु चरित्र, पुरंजनोपाख्यान, भरत चरित, अजामिलोपाख्यान तथा वामन अवतार का संगीतमय विवेचन करते हुए कहा कि “दान ही व्यक्ति को संसार की आसक्ति से मुक्त करते हुए मोक्ष प्राप्ति का सरल साधन है।” अतः अपनी सामर्थ्य और साधनानुसार प्रत्येक व्यक्ति को दान करते हुए मोक्ष पथ पर अग्रसर होना चाहिए। राजा बलि भी अपने दान के कारण आज भी प्रासंगिक तथा जन मन में बसे हुए हैं।
कथा के प्रारम्भ में आज के यजमान श्री लक्ष्मण कच्छावा ने पण्डित श्री रामदेव कल्ला के सानिध्य में सपत्नीक भगवान, शुकदेव, व्यासजी और गन्धर्व पूजन तथा आरती की।
पार्श्व संगीतकार वृंद श्री कमल कांत, तरूण कांत रामावत, प्रेम कुमार स्वामी, मनोज कुमार भादानी ने प्रसंगानुसार भजनों यथा “दुनियां से सहारा क्या लेना, कैलाश के निवासी, भज नारायण, तूने हीरो सो जनम गंवायो” इत्यादि का सुमधुर गायन किया तथा सजीव झांकियाें के पात्रों में प्रीत कच्छावा, सुरभि बोड़ा और भावि सांखला ने पात्रानुसार सुन्दर भूमिका निभाई।
कथा के दौरान राम झरोखा कैलाश धाम सुजानदेसर के अध्यक्ष श्री श्री 108 सरजूदास जी महाराज भी पधारे और वर्तमान परिप्रेक्ष्य में परिवार को साथ लेकर चलने और संयुक्त परिवार के फायदों के बारे में प्रकाश डाला।