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सरकार की नीतियां खेती किसानी को तबाह करने वाली-कामरेड कैलाश गहलोत

THE BIKANER NEWS हंसेरा ( लूणकरणसर)15 सितंबर2024। राजस्थान किसान सभा के के जिला सम्मेलन झंडा रोहण के साथ शुरू हुआ। झंडारोहण करते हुए वरिष्ठ साथी सूरज नाथ सिद्ध ने ने किसान आंदोलन के योगदान को रेखांकित किया

सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राजस्थान किसान सभा के प्रदेश महासचिव कामरेड कैलाश गहलोत ने विस्तार से बताते हुए कहां की किस प्रकार सरकार की नीतियां खेती किसानी को तबाह करने वाली है एक तरफ सरकार बड़े धन्ना सेठों का लाखों करोड़ों का कर्जा माफ कर रही है वहीं किसानों के छोटे कर्ज के लिए इसके पास पैसा नहीं है। सरकार देसी विदेशी कॉरपोरेट के कब्जे के लिए ऐसी नीतियां बना रही है जिससे कि किसानी तबाह हो जाए उन्होंने कहां की लंबे किसान आंदोलन और कुर्बानियों के बाद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग अब तक नहीं मानी गई है ऐसे में हमारा एकजुट संघर्ष ही एकमात्र रास्ता है। वरिष्ठ श्रमिक नेता कामरेड रामेश्वर शर्मा ने कहा कि लूणकरणसर किसान आंदोलन का गवा रहा है महाजन डेरे के खिलाफ कम रेड हुकमाराम का संघर्ष आज भी हमें जुल्म के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा देता है यही प्रेरणा हमारे संघर्ष की ताकत है आज सरकार की नीतियों ने केवल किसनो बल्कि आम जनता के हर तबके के खिलाफ है इसलिए संगठन को मजबूत करते हुए सामूहिक संघर्ष समय की मांग है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव कामरेड अविनाश व्यास ने अपने संबोधन में कहां की देश में बढ़ती महंगाई बेरोजगारी और खेती किसानी की बर्बादी के लिए सरकार की नितिया ही जिम्मेदार है इन नितियों को बदलने के लिए हमें एक जूट संघर्ष करना होगा। एटा के जिला महासचिव कामरेड अब्दुल रहमान ने चेताया कि सरकार हमारी एकजुटता को कमजोर करने के लिए जाति और धर्म के झूठ मुद्दे ठाकुर विभाजन की साजिश रचती है उसे हमें अपनी एकजुटता से परास्त करना है। श्रमिक नेता जाहिद हुसैन ने कहा कि एकता हमारा धर्म है और संघर्ष हमारी तपस्या।

वरिष्ठ किसान नेता कामरेड लक्ष्मी नारायण वर्मा, कामरेड हुकमाराम कामरेड सूरज नाथ के अध्यक्ष मंडल की अध्यक्षता में में संचालित सम्मेलन का संचालन करते हुए कामरेड महेश जोशी एडवोकेट ने कहा कि हसरा के साथियों के प्रयास से यह सम्मेलन उत्साह से शुरू हुआ सरकार की नीतियां किसनी से किसन को बेदखल कर रही है । वही उनके बेटे बेटियों सम्मानजनक रोजगार नहीं कर सके इसलिए सरकारी महाकों का निजीकरण कर सारी नौकरियां ठेके पर दे रही है सेना तक मैं ठेके के सैनिक बनाए जा रहे हैं हालत यह है कि देश के बेरोजगार दूसरे देश की सेना में भाड़े के सैनिक के रूप में अपनी जान कमा रहे हैं इसलिए हमें कमाई दवाई और पढ़ाई के लिए सजा संघर्ष करना पड़ेगा

 

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