
कोलकाता खबर:-राज्य में टैब घोटाले के मास्टरमाइंड को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा इलाके में मौजूद माझीहाली स्कूल का प्रभारी प्रधानाध्यापक ही इस घोटाले का मास्टर माइंड निकला है। अभियुक्त का नाम मो.मुफ्ताजुल इस्लाम उर्फ ज्वेल है। इस्लामपुर साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने चोपड़ा थाने की पुलिस के साथ संयुक्त रूप से छापामारी कर उसे चोपड़ा के कोठगाछ इलाके से पकड़ा है। घोटाला प्रकाश में आने के बाद से अभियुक्त फरार था। जांच में पता चला कि वह सिलीगुड़ी के निकट नेपाल सीमा पर छिपा हुआ था। कुछ दिनों पहले ही घर लौटा था। ऐसे में बुधवार की दोपहर गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार गत 11 नवंबर 2024 को ग्वालपोखर थाने में एक स्कूल प्रबंधन की ओर से छात्रों को मिलने वाले टैब के रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करायी। घटना की जांच इस्लामपुर साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने शुरू की। जांच के दौरान पुलिस ने पहले दो लोगों को गिरफ्तार किया था। उन लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि इस घोटाले का मास्टरमाइंड माझीहाली हाई स्कूल का हेडमास्टर मो.मुफ्ताजुल इस्लाम है। इस दौरान कोलकाता सहित पूर्व बर्दवान और पूर्व मिदनापुर जिले में भी कई टैब घोटाले के मामले दर्ज हुए। उन मामलों में भी गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में पुलिस को मो.मुफ्ताजुल इस्लाम के बारे में पता चला। इसके बाद ही कोलकाता पुलिस के अलावा सीआईडी और इस्लामपुर पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
यहां उल्लेखनीय है कि टैब घोटाले की जांच के आरंभ से ही जांचकर्ताओं का मानना था कि किसी स्कूल के मास्टर ने ही घोटाले को अंजाम दिया है। उसने सबसे पहले अपने स्कूल की वेबसाइट के पासवर्ड और क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके धोखाधड़ी शुरू की। बाद में उन्होंने अपनी टीम भी बना ली। इसमें अनेक शिक्षक, शिक्षाकर्मी तथा यहां तक कि कुछ संविदा पर कार्यरत व्यक्ति भी कार्यरत हैं, जिन्हें इस प्रमाणपत्र का उपयोग करने का अवसर प्राप्त है। पूरा टैब धोखाधड़ी का धंधा चला रहा था। स्कूल सूत्रों के अनुसार कार्यवाहक प्रिंसिपल ज्वेल बहुत मृदुभाषी हैं और उसका व्यवहार बहुत विनम्र है। स्कूल में किसी को भी उसके व्यवहार पर कभी संदेह नहीं हुआ। पुलिस के अनुसार अभियुक्त पिछले 10 साल से स्कूल में शिक्षक की नौकरी कर रहा है। वर्ष 2022 में स्कूल के हेडमास्टर के रिटायरमेंट के बाद वह हेडमास्टर का पदभार संभाल रहा था। उसने ही अपने साथियों की मदद से पूरे राज्य में घोटाले को अंजाम दिया। फिलहाल पुलिस अभियुक्त से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है।