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ज्योतिषबीकानेर

500 वर्ष पुरानी परंपरा में पंडित शात्रार्थ के लिए तैयार आज होगी समाज के सावे की तिथि का निर्धारण

THE BIKANER NEWS:-बीकानेर:- पुष्करणा समाज के सामूहिक विवाह यानी सावे की तिथि का निर्धारण आज मंगलवार को होगा। तिथि निर्धारण के लिए पंडितों को
निमंत्रण दिया चुका है। कई पंडित एक साथ शात्रार्थ कर शुद्ध सावे का शोधन करेंगे।
प्रत्येक दो वर्ष बाद होने वाले पुष्करणा समाज के सामूहिक विवाह की तिथियों का निर्धारण दो चरणों में होगा। प्रथम चरण
में दशहरे के दिन युवक युवतियों के विवाह एवं बालकों के यज्ञोपवीत संस्कार की तिथि
निर्धारित की की जाएगी। दूसरे चरण धनतेरस के दिन प्रथम चरण में घोषित सावे का सम्पूर्ण
कार्यक्रम तय किया जाएगा।इसकी घोषणा मंच पर राजपरिवार के प्रतिनिधि के माध्यम से की जाएगी। सावा तिथि निर्धारण के लिए व्यास पार्क, जस्सोलाई तलाई स्थित घेरुलाल शिव मंदिर में दशहरे के दिन पंडितों का शास्त्रार्थ होगा। पंडित अपने-अपने मतों के अनुसार अनेक तिथियों पर सावे के लिए चर्चा करेंगे। अंत में सर्वसम्मति से शुद्ध सावे का
प्रस्ताव पारित होगा। सावा समिति के अध्यक्ष नारायण दास व्यास एवं संयोजक मक्खन लाल व्यास के अनुसार सावा शोधन के लिए शहर घेरुलाल शिव मंदिर को रंगबिरंगी रोशनी।सजाया गया है। गोपाल व्यास व बृजेश्वर
व्यास के अनुसार मंदिर के परिसर के बाहर एलईडी लगाकर कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा। श्रीकांत व्यास, मांगीलाल व्यास, कानुलाल व्यास आदि निमंत्रण पत्र देने में लगे रहे।

ज्योतिर्विद पंडित हरिनारायण व्यास मन्नासा ने बताया की

पुष्करणा समाज के सामूहिक विवाह यानी सावे की परंपरा लगभग 500 वर्ष पुरानी है। इस
परम्परा के साक्षी राजघराने के तत्कालीन राजा रायसिंह और राव बीकाजी भी रहे थे। झूठा जी व्यास नामक व्यक्ति द्वारा इस परम्परा को आगे बढ़ाया गया। राजा राव बीकाजी के समय से इस परम्परा के निर्धारण के लिए व्यास जाति को नियुक्त किया गया था और आज  तक व्यास परिवार निरंतर इस परम्परा का निर्वाह करते आ रहे हैं। पहले सावा 7 वर्ष में एक बार आता था। फिर इसकी समय सीमा घटाकर चार वर्ष की गई। वर्ष 2005 से सावा प्रत्येक दो वर्ष निकाला जाने लगा

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