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बीकानेर: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर जनजागरूकता रैली और पोस्टर-स्लोगन लेखन का आयोजन

 

Bikaner News :  विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर मानसिक रोग एवं नशामुक्ति विभाग, सरदार पटेल आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं पीबीएम अस्पताल द्वारा विविध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 
2025 के लिए थीम "चेंजिंग द नरेटिव ऑन सुसाइड एन्ड कॉल टू एक्शन, स्टार्ट कन्वर्सेशन निर्धारित की है. इसके तहत 10 से 16 सितंबर तक विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह मनाया जा रहा है।

इसी क्रम में 10 सितंबर को प्रातः 7:30 बजे सरदार पटेल आयुर्विज्ञान महाविद्यालय से जनजागरूकता पैदल रैली का शुभारंभ हुआ। रैली का उद्घाटन प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी, पी.बी.एम.  अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र वर्मा, शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. जी.एस. तंवर, और मस्तिष्क रोग विभागाध्यक्ष डॉ. इंद्रपुरी ने हरी झंडी दिखाकर किया।

 रैली का नेतृत्व मनोरोग विभाग के आचार्य डॉ. श्रीगोपाल गोयल, सहायक आचार्य डॉ. राकेश गढ़वाल, और डॉ. मुरलीधर स्वामी ने किया। यह रैली महाविद्यालय से शुरू होकर ब्रह्म कुमारी आश्रम, पी.बी.एम. चिकित्सालय होते हुए शिव किशन मिंडाराम राजकीय मनोचिकित्सा एवं नशामुक्ति विभाग (DIMHANS) में समाप्त हुई।

साथ ही विभाग में पोस्टर और स्लोगन लेखन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें नर्सिंग विद्यालय और महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। अतिरिक्त प्रधानाचार्य डॉ. रेखा आचार्य ने आत्महत्या रोकथाम के उपायों पर चर्चा करते हुए बताया कि विश्व में प्रतिवर्ष 8 लाख और भारत में 1.6 लाख लोग आत्महत्या से जान गंवाते हैं। उन्होंने अवसाद के लक्षणों को समय पर पहचानने और प्रभावित व्यक्तियों की सहायता करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

 डॉ. श्रीगोपाल गोयल ने मानसिक तनाव के सामाजिक, आर्थिक, और पर्यावरणीय कारणों पर प्रकाश डाला और सुझाव दिया कि मानसिक तनाव से जूझ रहे लोग परिवार, मित्रों, या मनोचिकित्सक से खुलकर बात करें। सहायक आचार्य डॉ. राकेश गढ़वाल और डॉ. मुरलीधर स्वामी ने इस दिवस के उद्देश्यों को स्पष्ट किया।

मनोवैज्ञानिक डॉ. अंजु ठकराल ने मानसिक बीमारी को सामाजिक कलंक से मुक्त करने की अपील की और सकारात्मक सोच व योग निद्रा के महत्व को बताया। नर्सिंग शिक्षकों मनोज कुमारी, पूनम कुमारी, मंजू विश्नोई, वीर सिंह, और अनुपम परिहार ने भी आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता पर अपने विचार व्यक्त किए।