तीन दिन तक गली मोहल्ले में गीत संगीत और चित्रकला के माध्यम से देगे गोचर बचाने का संदेश,मौहता चौक से प्रारंभ
संस्थान अध्यक्ष राजकुमार राजपुरोहित ने बताया कि सरकार द्वारा 188 गांव की गोचर भूमि को समाप्त कर विकास के क्षेत्र में बदलने के लिए इस भूमि को चिन्हित किया गया है, इसमें गायों के नाम जितने भी भूमि है उस पर नवीनीकरण करके उसको खत्म किया जाएगा।
मोहता चौक में कल चित्रकार मुकेश जोशी सांची हर, डॉक्टर मोना सरदार डुडी, दिनेश नाथ धर्म पेंटर, राम भदानी आदि चित्रकारों ने अपनी भावनाओं को कैनवास पर उकेरा। चित्रकार मुकेश जोशी ने अपने कैनवास को मॉडल के रूप में गोचर जैसा बताया।जिसमें अनेक गाय खड़ी की तथा गायों से होने वाली और गोचर से होने वाले फायदे को भी पेंटिंग में बताया।
वही चित्रकार डॉक्टर डूडी डूडी ने अपने चित्र में बताया कि गाय आने वाले समय में गायब हो जाएगी तथा लोग दूध और गोबर को तरसेगी ।
आज चित्रकार रामकुमार भदानी ने अपने चित्र में रोती बिलखती गाय को दर्शाया तथा उसमें बताया कि बिल्डिंगस यदि खड़ी हो गई तो गाएं भूख से तड़प तड़प कर मर जाएगी और विकास नहीं यह विनाश होगा ।
पेंटर धर्म स्वामी ने अपनी पेंटिंग में बताया कि गाय को कैसे सुरक्षित किया जा सकता है, तथा स्लोगन द्वारा लोगों में जन जागृति पैदा कर 19 तारीख को धरने में और प्रदर्शन में आने का संदेश दिया।
चित्रकार दिनेश नाथ ने अपनी पेंटिंग में एक कमजोर गाय को बताया जो भूख से मार रही है।
कल चित्रकारों के साथ कार्यक्रम संयोजक वी गौ भगत सूरज प्रकाश राव के साथ सीताराम कच्छावा, ओम प्रकाश जोशी मनोज कुमार सेवग ,गिरधर जोशी ,अशोक जोशी, महेंद्र जोशी ,वरुण देराश्री, श्री कृष्ण देराश्री, रघु पहलवान आदि गणमानों के साथ एक संगीत मंडली ने भी अपना संगीत के द्वारा गायों पर भजन और संदेश गए।
चित्रकार तीन दिन तक शहर के विभिन्न मोहल्ले में अलग-अलग जाकर रात और दिन बिना सोए कार्यक्रम करेंगे। साथ ही गीत संगीत के द्वारा भी लोगो को प्रेरित करेगे
कार्यक्रम का उद्देश्य गोचर भूमि को बचाना गायों को संरक्षित करना तथा 19 सितंबर 2025 को होने वाले विशाल धरने प्रदर्शन के लिए भारी संख्या में लोगों को इस पावन काम के लिए कचहरी बीकानेर पहुंचने का संदेश दिया गया।