एचबी कांक्लेव के दूसरे दिन डॉक्टर्स ने सीखीं जांच की नई तकनीकें, बोन मैरो और पीआईसीसी लाइन पर वर्कशॉप
*बोन मैरो एस्पिरेशन और बायोप्सी पर पहली वर्कशॉप*
डॉ. शशि बंसल की इस वर्कशॉप को मॉडरेट किया एसोसिएट प्रोफेसर, पैथोलॉजी विभाग डॉ. रीतिका अग्रवाल और डॉ. ओपी सिंह सीनियर फैकल्टी, पैथोलॉजी विभाग ने. बोन मैरो की जांच को दर्दरहित और सटीक बनाने पर, ताकि मरीजों को बार-बार सैंपलिंग की परेशानी न हो इन विषयों पर वर्कशॉप का फोकस रहा.
*दूसरी वर्कशॉप: दर्दरहित सैंपलिंग**
नई दिल्ली से आईं डॉ. अंकिता जैसवाल और डॉ. आयुषी श्रीवास्तव ने रेजिडेंट डॉक्टरों और अन्य चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया। अच्छा सैंपल एक बार में लेने पर, जिससे मरीज को न्यूनतम असुविधा हो।
*तीसरी वर्कशॉप: पीआईसीसी लाइन इंसर्शन*
एनेस्थीसिया विभाग ने ऑपरेशन थिएटर में यह वर्कशॉप आयोजित की। डॉ. कांता भाटी के नेतृत्व में डॉ. किवी व्यास ने ब्लड कैंसर मरीजों के लिए आवश्यक पीआईसीसी लाइन की तकनीक सिखाई। इससे बार-बार कैनुलेशन की जरूरत नहीं पड़ती, दर्द कम होता है। उल्लेखनीय है कि यह लाइन पीबीएम अस्पताल में नि:शुल्क उपलब्ध है। वर्कशॉप में लाइन डालने और उसकी देखभाल पर जोर दिया गया।
*शोध पत्र प्रस्तुति और जजिंग*
सुबह के सत्र में भाग लेने वाले डॉक्टरों ने अपने शोध पत्र पढ़े जिसमे जजिंग की जिम्मेदारी डॉ. निधि बिन्नानी, डॉ. सुनीता खिलेरी, डॉ. नीलिमा अरोड़ा और डॉ. पवन डारा ने संभाली.
कार्यक्रम में सह सचिव डॉ. रीतिका अग्रवाल और डॉ. आयुषी श्रीवास्तव के साथ प्रबंधन टीम मे विनय थानवी, रहमत अली, गर्वित गुप्ता, ओमप्रकाश मेघवाल, मोहित तथा योगेश खत्री आदि का विशेष योगदान रहा।