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  Hydrogen Train : बिना बिजली डीजल के इस रूट पर दौड़ेगी देश की पाली हइड्रोजन ट्रैन, ट्रायल रहा सफल 

जींद से सोनीपत रेलवे लाइन पर चलने वाली हाईड्रोजन ट्रेन का ट्रायल चेन्नई स्थित इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में किया गया। जहां पर रेलवे का यह ट्रायल पूरी तरह से सफल हुआ है। अब यह ट्रेन भारत के इतिहास में नया अध्याय जोड़ने वाली है, क्योंकि इस ट्रेन से पर्यावरण का संरक्षण होगा और इस ट्रेन को पूरी तरह से स्वदेशी तैयार किया गया। 
 

india First  Hydrogen Train : हाईड्रोजन से चलने वाली भारत की पहली ट्रेन का रेलवे विभाग ने सफल ट्रायल कर लिया है। ट्रायल सफल होने के बाद यह ट्रेन जल्द ही रेलवे लाइन पर रफ्तार भरते हुए नजर आएगी। देश की पहली हाईड्रोजन फ्यूल से चलने वाली ट्रेन हरियाणा के जींद जिले से सोनीपत जिले तक चलेगी।

यह रेलवे लाइन पहले ही बन चुकी है। इसके अलावा देश का पहला हाईड्रोजन प्लांट भी हरियाणा के जींद में लगाया गया है। इसलिए इस ट्रेन को फ्यूल भी जींद के हाईड्रोजन प्लांट से मिल जाएगी।

जींद से सोनीपत रेलवे लाइन पर चलने वाली हाईड्रोजन ट्रेन का ट्रायल चेन्नई स्थित इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में किया गया। जहां पर रेलवे का यह ट्रायल पूरी तरह से सफल हुआ है। अब यह ट्रेन भारत के इतिहास में नया अध्याय जोड़ने वाली है, क्योंकि इस ट्रेन से पर्यावरण का संरक्षण होगा और इस ट्रेन को पूरी तरह से स्वदेशी तैयार किया गया। 

चीन,जर्मनी में चलती है हाईड्रोजन ट्रेन
हाइड्रोजन ट्रेन का सफल ट्रायल होते ही भारत उन देशों की लाइन में खड़ा हो गया जहां पर हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों का संचालन करता है। इससे पहले स्वीडन, जर्मनी, चीन और फ्रांस में हाइड्रोजन ट्रेन का संचालन होता है।

अब इस ट्रेन का सफल ट्रायल होने के बाद भारत की तरफ से 1200 हॉर्सपावर की हाइड्रोजन ट्रेन बनाने का काम चल रहा है। 

31 अगस्त तक जींद-सोनीपत रेलवे लाइन पर चलेगी हाइड्रोजन ट्रेन


देश की सबसे पहले हाइड्रोजन ट्रेन का संचालन जींद से सोनीपत रेलवे लाइन पर किया जाएगा। जहां पर जींद रेलवे स्टेशन से सोनीपत रेलवे स्टेशन की दूरी 89 किलोमीटर है। यह ट्रेन इस रुट पर 110 किलोमीटर की रफ्तार से चलेगी।

इस प्रोजेक्ट पर 111.83 करोड़ रुपये की लागत आई है। रेलवे विभाग द्वारा जींद-सोनीपत रेलवे लाइन पर इस ट्रेन का संचालन 31 अगस्त तक कर दिया जाएगा। जींद से सोनीपत तक आठ कोच वाली ट्रेन चलाई जाएगी। इस कोच के कोच नॉन-एसी होंगे।