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New Railway Line : इस नई रेल लाइन को बनाने के लिए खर्च होंगें 5 हजार करोड़ रूपए, बनेगी 148 सुरंगें, 55 बड़े पुल, 87 छोटे पुल 

रेलवे विभाग द्वारा तैयार की गई रेलवे लाइन पर ट्रेनों का ट्रायल शुरू हो गया है। फिलहाल मिजोरम के क्षेत्र में सड़क मार्ग से ही देश के दूसरे हिस्सों में जाना पड़ता है, लेकिन अब ट्रेन के माध्यम से इन क्षेत्र में सफर कर सकेंगे। आइजोल पहुंचने वाली ट्रेन कुतुबमीनार से भी 42 मीटर ऊंचे (104 मीटर) पुल से गुजरेगी।

 
नॉर्थ ईस्ट में असम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के रेल सेवा से जुड़ने के बाद मिजोरम में जल्द ही बैराबी, हॉरटॉकी, कॉनपुई, मुआलखांग और सैरांग शहर रेल सेवा से जुड़ेंगे।

New Railway Line : रेलवे विभाग द्वारा देश के हर कौने को ट्रेन से जोड़ने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। जहां पर रेलवे ने कश्मीर घाटी को ट्रेन से जोड़ दिया गया है। अब रेलवे विभाग द्वारा भारत के नॉर्थ ईस्ट को भी ट्रेन से जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है। जल्द ही मिजोरम की राजधानी आइजोल भी ट्रेन से जुड़ने वाली है। 

रेलवे विभाग द्वारा तैयार की गई रेलवे लाइन पर ट्रेनों का ट्रायल शुरू हो गया है। फिलहाल मिजोरम के क्षेत्र में सड़क मार्ग से ही देश के दूसरे हिस्सों में जाना पड़ता है, लेकिन अब ट्रेन के माध्यम से इन क्षेत्र में सफर कर सकेंगे। आइजोल पहुंचने वाली ट्रेन कुतुबमीनार से भी 42 मीटर ऊंचे (104 मीटर) पुल से गुजरेगी।

नॉर्थ ईस्ट में असम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के रेल सेवा से जुड़ने के बाद मिजोरम में जल्द ही बैराबी, हॉरटॉकी, कॉनपुई, मुआलखांग और सैरांग शहर रेल सेवा से जुड़ेंगे। सैरांग शहर, राजधानी आइजोल से करीब 20 किमी. की दूरी पर है।

148 सुरंगें बनाकर बनाई रेलवे लाइन 

रेलवे विभाग द्वारा दुर्गम एरिया में रेलवे लाइन बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है। इसी कड़ी में आइजोल को देश के दूसरे हिस्सों को ट्रेन से जोड़ने के लिए रेलवे ने कठिन परिस्थितियों में रेलवे लाइन का निर्माण किया है।

नई रेलवे लाइन बनाने के लिए रेलवे विभाग ने 148 सुरंगें, 55 बड़े पुल, 87 छोटे पुल बनाने पड़े। इसे अलावा 15 रोड ओवर ब्रिज, 6 रोड अंडर ब्रिज भी बनाए गए है। आपको बता दे कि यह रेलवे लाइन सिंगल होगी और यह ट्रेन डीजल के इंजन से ही चलेगी, क्योंकि इस रेलवे लाइन का विद्युतिकरण नहीं किया गया है। इस रेलवे लाइन के निर्माण से मिजोरम-असम के बीच 3-4 घंटे का सफर कम

5000 करोड़ की लागत का प्रोजेक्ट

आइजोल तक रेल लाइन पहुंचाने वाले करीब 51.38 किलोमीटर के बैराबी-सैरांग रेलवे प्रोजेक्ट की लागत करीब 5,021 करोड़ रुपए है। यह लाइन असम के सिलचर सीमा के पास स्थित बैराबी से शुरू होती है, जो सैरांग तक जा रही है। यह रेललाइन लूशाई पहाड़ियों से होकर गुजरती है, जो सिज्मिक जोन में शामिल है।

रेलवे ने चार जोड़ी ट्रेनों के विभिन्न स्टेशनों पर ठहराव की अवधि में अस्थायी रूप से विस्तार किया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार भगत की कोठी-विशाखापट्टनम-भगत की कोठी एक्सप्रेस का अशोक नगर स्टेशन पर ठहराव बढ़ाया है।

तिरुच्चिरापल्ली-भगत की कोठी हमसफर एक्सप्रेस, उदयपुर सिटी-शालीमार-उदयपुर सिटी एक्सप्रेस तथा दुर्ग-अजमेर-दुर्ग एक्सप्रेस का मुंगावली स्टेशन पर ठहराव बढ़ाया गया है। हैदराबाद-हिसार एक्सप्रेस का खिरकिया स्टेशन पर ठहराव पहले से अधिक समय तक रहेगा।