{"vars":{"id": "125777:4967"}}

मुख्यमंत्री कि बड़ी घोषणा
अब विधायक भी चखेंगे इंदिरा रसोई का स्वाद

 

राजस्थान में जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए गहलोत सरकार की महत्वाकांक्षी इंदिरा रसोई योजना में भोजन की गुणवत्ता की निगरानी का ज़िम्मा अब राजस्थान के विधायकों के कंधों पर होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में विधायकों को आदेश जारी किए हैं।महीने में एक बार राजस्थान के विधायकों को अब इंदिरा रसोई का भोजन टेस्ट करना होगा ताकि गुणवत्ता की मॉनिटरिंग सुचारु तौर पर बनी रहे।

मुख्यमंत्री ने इस संबंध में आज CMO में उच्च स्तरीय बैठक ली. मीटिंग में ये तय किया है कि हर माह एक विधायक किसी भी दिन जाकर इन्दिरा रसोई में खाना खाएंगे इससे भोजन की गुणवत्ता भी बनी रहेगी और निरीक्षण भी हो जाएगा. यह महत्वपूर्ण निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि आम जन को यह भरोसा हो उन्हें गुणवत्तापूर्ण, पौष्टिक भोजन मिलता रहेगा। सलत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इंदिरा गांधी की जयंती के मौके पर 20 अगस्त 2020 को इंदिरा रसोई योजना को प्रारंभ किया गया था।

पहले यह योजना अन्नपूर्णा योजना के नाम से चलाई जाती थी, लेकिन बाद में इसका नाम परिवर्तित कर दिया गया. इंदिरा रसोई योजना के माध्यम से महज ₹8 रुपए में गरीबों को पोष्टिक आहार दिया जाता है।राज्य सरकार के 213 नगर निकायों में 358 इंदिरा रसोई संचालित की जा रही है. इसके माध्यम से एक करोड़ 34 लाख लोगों को प्रतिदिन लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीँ राज्य सरकार के द्वारा इसका वार्षिक बजट 100 करोड तय किया गया है। यह राजस्थान सरकार की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक है।

सरकार की मंशा है कि कोई भी नागरिक भूखा ना सोए.राज्य में अलग-अलग जगह पर स्थापित रसोई के माध्यम से जरुरतमंदों और गरीब लोगों के लिए भोजन और नाश्ते की व्यवस्था की जाती है। स्थानीय स्वयं सहायता समूह भी लोगों को खाना खिलाने में मदद करते हैं।