{"vars":{"id": "125777:4967"}}

8th Pay Commission: आठवे वेतन को लेकर आया सबसे बड़ा अपडेट! कर्मचारियों में दौडी ख़ुशी की लहर

न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 30,000 रुपये से 51,480 रुपये तक जा सकता है। फिटमेंट फैक्टर करीब 1.8 से ऊपर रहने की संभावना है। वेतन में कुल 30-34% तक की बढ़ोतरी संभव मानी जा रही है। नई सैलरी स्ट्रक्चर को मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास के अनुरूप समायोजित किया जा सकता है।
 
8th Pay Commission: नेशनल काउंसिल-JCM (स्टाफ साइड) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि हर वेतन आयोग की तरह, 8वें वेतन आयोग के लाभ भी 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होने चाहिए, भले ही अधिसूचना थोड़ी देर से जारी हो। यह प्रक्रिया समय ले सकती है, लेकिन लाभों की तिथि में देरी नहीं होनी चाहिए।

 

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जुलाई 2016 से लागू की गई थीं, लेकिन बकाया भुगतान जनवरी 2016 से दिया गया था। इससे कुल मिलाकर करीब 1.1 करोड़ लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।

कितनी बढ़ सकती है सैलरी?

न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 30,000 रुपये से 51,480 रुपये तक जा सकता है। फिटमेंट फैक्टर करीब 1.8 से ऊपर रहने की संभावना है। वेतन में कुल 30-34% तक की बढ़ोतरी संभव मानी जा रही है। नई सैलरी स्ट्रक्चर को मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास के अनुरूप समायोजित किया जा सकता है।

 

एंबिट इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के मुताबिक, यदि वेतन बढ़ोतरी 2026 में होती है, तो इसका लंबी अवधि में सरकारी खर्च पर असर पड़ेगा, लेकिन इससे घरेलू मांग को भी बल मिलेगा।

अब तक केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। हालांकि, पिछले वेतन आयोगों के अनुभव के आधार पर यह स्पष्ट है कि आयोग का गठन, हितधारकों से विचार-विमर्श, सिफारिशें और समीक्षा, कैबिनेट की मंजूरी की प्रक्रिया में लगभग 2 साल लग सकते हैं। इसलिए विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि जल्द पहल की जाती है, तो यह प्रक्रिया 2026 की शुरुआत तक पूरी हो सकती है।