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UP में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर, जानें हर महीने कितनी बढ़ेगी अब कीमते?

बिजली कंपनियां इस रकम की मय ब्याज वसूली करती हैं। प्रदेश के उपभोक्ताओं पर बिल के तौर पर बकाया 10 हजार करोड़ रुपये की वसूली की जिम्मेदारी पावर कॉरपोरेशन की है।
 

UP Electricty Bill : उपभोक्ता परिषद ने आयोग में दाखिल प्रस्ताव में यह भी कहा है कि कॉरपोरेशन बिजली उपभोक्ताओं पर बकाया राशि को घाटे में दर्ज किया है। पूरे देश में कहीं भी बकाया घाटे में नहीं जोड़ा जाता क्योंकि बिजली कंपनियां इस रकम की मय ब्याज वसूली करती हैं। प्रदेश के उपभोक्ताओं पर बिल के तौर पर बकाया 10 हजार करोड़ रुपये की वसूली की जिम्मेदारी पावर कॉरपोरेशन की है।

UP Electricty Bill अगर वह वसूल नहीं सकता है तो उसे प्रबंधन छोड़ देना चाहिए। बिजली बिल न देने वाले उपभोक्ताओं में से 54 लाख उपभोक्ताओं को सौभाग्य योजना में गुमराह करके मुफ्त कनेक्शन दिए गए।

यूपी में बिजली महंगी होगी या सस्ती? पावर कॉरपोरेशन द्वारा बिजली दरों में 30% बढ़ोतरी के खिलाफ मंगलवार को नियामक आयोग में बिजली दरों में 40-45% कटौती का जनता प्रस्ताव राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने दाखिल कर दिया है। पावर कॉरपोरेशन के वास्तविक आय-व्यय के आंकड़ों को भी उपभोक्ता परिषद ने चुनौती दी है। बिजली की नई दरें तय करने के लिए आयोग बिजली कंपनियों के दावों और जनता की आपत्तियों पर सुनवाई जून में शुरू कर सकता है।UP Electricty Bill

उपभोक्ता परिषद ने कॉरपोरेशन के संशोधित प्रस्ताव को खारिज करने की मांग उठाई है। परिषद ने कहा कि नोएडा पावर कंपनी पर भी उपभोक्ताओं का बकाया था, जिसकी वजह से तीन साल से 10% की कटौती हो रही है। यह व्यवस्था बाकी बिजली कंपनियों पर क्यों नहीं लागू की गई?

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि जब 3 सितंबर 2019 को बिजली दरों का आदेश जारी किया गया था तब नियामक आयोग ने माना था कि बिजली कंपनियों पर वित्तीय वर्ष 2017-18 तक उपभोक्ताओं का 13,337 करोड़ रुपये बकाया है।UP Electricty Bill

आयोग के आदेश में यह भी कहा गया था कि जब तक इसकी अदायगी बिजली कंपनियां नहीं कर देतीं तब तक इस रकम पर कैरिंग कॉस्ट यानी ब्याज भी जुड़ेगा। 12% की ब्याज दर के हिसाब से यह रकम बीते वित्तीय वर्ष में 33,122 करोड़ पहुंच गई थी। इस वित्तीय वर्ष की सुनवाई करते वक्त यह रकम 35 हजार करोड़ पार हो जाएगी। UP Electricty Bill