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Gold Price Update: सोना 3330 रूपए हुआ सस्ता, चांदी भी फिसली; जानें जुलाई में कहाँ तक पहुंच सकते है दाम 

राजधानी दिल्ली में, कीमत घटकर 97570 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। वहीं, 22 कैरेट सोना एक हफ्ते में 3,050 रुपये सस्ता हो गया है। देश के 10 बड़े शहरों में लेटेस्ट गोल्ड रेट क्या है, आइए जानते हैं।
 

Gold Price Update : सोने चांदी की कीमतों को लेकर बड़ा अपडेट सामने आ या है।  बता दे की सोने की कीमतों में लगातार दूसरे दिन गिरावट जारी है. पिछले एक हफ्ते में 24 कैरेट सोने की कीमत में 3,330 रुपये की गिरावट आई है। वहीँ एक्सपर्ट के अनुसार जुलाई के पहले हफ्ते में भी ये गिरावट देखि जा सकती है।  जबकि जुलाई महीने में आगे का महोल गर्म रहने वाला है।  जिसमे कीमतों में उछाल नजर आएगा। 

अधिक जानकारी के लिए बता दे की राजधानी दिल्ली में, कीमत घटकर 97570 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। वहीं, 22 कैरेट सोना एक हफ्ते में 3,050 रुपये सस्ता हो गया है। देश के 10 बड़े शहरों में लेटेस्ट गोल्ड रेट क्या है, आइए जानते हैं।

भारत में सोने की कीमतें

दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत 97570 रुपये प्रति 10 ग्राम है। 22 कैरेट की कीमत 89450 रुपये प्रति 10 ग्राम है।

कोलकाता, चेन्नई और मुंबई में कीमत

इस समय मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में 22 कैरेट सोने की कीमत 89300 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि 24 कैरेट सोने की कीमत 97420 रुपये प्रति 10 ग्राम है।

जयपुर, लखनऊ और चंडीगढ़

इन शहरों में 24 कैरेट सोने की कीमत 97570 रुपये प्रति 10 ग्राम है। 22 कैरेट की कीमत 89450 रुपये प्रति 10 ग्राम है।

हैदराबाद में कीमत

हैदराबाद में 22 कैरेट सोने की कीमत 89300 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि 24 कैरेट सोने की कीमत 97420 रुपये प्रति 10 ग्राम है।

अहमदाबाद और भोपाल।

अहमदाबाद और भोपाल में 22 कैरेट सोने की खुदरा कीमत 89,350 रुपये प्रति 10 ग्राम है। 24 कैरेट सोने की कीमत 97470 रुपये प्रति 10 ग्राम है।

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सोने की कीमत

चांदी की कीमत में एक हफ्ते में 2200 रुपये की गिरावट आई है। 29 जून को चांदी 107800 रुपये प्रति किलोग्राम पर थी। हाल ही में, केडिया फिनकॉर्प ने एक साहसिक अनुमान देते हुए कहा कि जून के अंत तक चांदी की कीमतें 1,30,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती हैं। इस धारणा के तीन कारण हैंः दुर्लभ-पृथ्वी चुंबक के निर्यात पर चीन का प्रतिबंध, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में चांदी का बढ़ता उपयोग और लगातार पांचवें वर्ष वैश्विक आपूर्ति घाटा।