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House Rent Rules: किराए पर मकान देते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान, वरना मुश्किलों में फंस जाएंगे आप

थोड़ी सी लापरवाही आपको मुश्किलों में फंसा सकती है और आपको कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाना पड़ सकता है। कोर्ट में कई ऐसे मामले चल रहे हैं जिसमें किराएदार ना किराया देता है ना ही घर खाली करता है ऐसे में मकान मालिक मुश्किलों में फंस जाते हैं। जरूरी है कि आप सही जानकारी और तैयारी के साथ ही अपना मकान किराए पर दें।
 

House Rent Rule:  अगर आप मकान को किराए पर देने वाले हैं तो जरा रुकिए! किराएदार को सिर्फ मकान का चाबी थामना काफी नहीं है बल्कि कई कानूनी और व्यावहारिक बातों का ध्यान रखना भी जरूरी होता है।

थोड़ी सी लापरवाही आपको मुश्किलों में फंसा सकती है और आपको कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाना पड़ सकता है। कोर्ट में कई ऐसे मामले चल रहे हैं जिसमें किराएदार ना किराया देता है ना ही घर खाली करता है ऐसे में मकान मालिक मुश्किलों में फंस जाते हैं। जरूरी है कि आप सही जानकारी और तैयारी के साथ ही अपना मकान किराए पर दें।


किराए पर मकान देते समय इन बातों का रखें ध्यान 


>किराए पर मकान देते समय आपको सबसे पहले हाउस रेंट रूल बनवाना चाहिए।

 >किराएदार का पुलिस वेरिफिकेशन कराना भी बहुत जरूरी है।

>किराया और अन्य भुगतान बैंक ट्रांसफर से ही लीजिए।

>मकान का फिजिकल निरीक्षण समय-समय पर करना जरूरी है।


 क्यों जरूरी है हाउस रेंट रूल्स बनवाना 


हाउस रेंट रूल्स यानी कि किरायानामा। इसमें किराया, जमा राशि,बिजली पानी के बिल की जिम्मेदारी और किराए की अवधि जैसी बातें स्पष्ट की जाती है। दोनों पक्ष इस पर हस्ताक्षर करते हैं और दो गवाह भी लगाए जाते हैं। ऐसा करने से बाद में किराएदार आपके साथ धोखा नहीं कर पाएगा। आप कम से कम 11 महीने का एग्रीमेंट रखें ताकि आपको रेट कंट्रोल एक्ट से छूट मिल सके।


क्यों जरूरी है पुलिस वेरीफिकेशन

मकान देने से पहले किराएदार को पुलिस वेरिफिकेशन कराना चाहिए। इसके लिए आपके नजदीकी पुलिस स्टेशन में एक फॉर्म भरकर जमा करना होता है और साथ ही किराएदार की पहचान पत्र की कॉपी भी लगानी होती है। पुलिस वेरिफिकेशन के बाद अगर कोई किरायेदार आपराधिक गतिविधियों में शामिल होता है तो मकान मालिक जिम्मेदार नहीं माना जाता।

 सिक्योरिटी डिपॉजिट

 सिक्योरिटी डिपाजिट किराएदार से लेने की व्यवस्था करें। यह आमतौर पर दो-तीन महीने की किराए के बराबर होता है। इससे आपको नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी और अगर किराएदार बिना बताए मकान छोड़कर चला जाता है तो आपको नुकसान भी नहीं होगा।


 ऑनलाइन करें किराए का भुगतान


 आपको किराएदार से सभी लेन देन डिजिटल माध्यम से करना चाहिए। ऐसा करने से भविष्य में आप किसी भी तरह के लफड़े में नहीं फसेंगे। नगद भुगतान से परहेज करना चाहिए क्योंकि बाद में इंकार की संभावना बनी रहती है।