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बेसिक इंपोर्ट टैक्स में कमी किए जाने से पाम तेल में तेजी 

 

चालू सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन मलेशियाई पाम तेल वायदा करीब 1.50 प्रतिशत की तेजी लेकर बंद हुआ। कारोबारियों तथा विश्लेषकों का कहना है कि डालियान के खाद्य तेलों में आई तेजी का अनुसरण किए जाने तथा भारत द्वारा अपने क्रूड खाद्य तेलों के आयात पर लगने वाले बेसिक इंपोर्ट टैक्स में कमी किए जाने के कारण पाम तेल में यह तेजी आई है।

बुर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज का बैंचमार्क अगस्त पाम तेल वायदा 56 रिंगिट या 1.44 प्रतिशत तेज होकर 3934 रिंगिट (927.83 डॉलर) प्रति टन पर बंद हुआ। सिंगापुर स्थित एक विशेषज्ञ ने कहा कि पाम तेल वायदा को चीन के खाद्य तेल बाजार से मजबूती मिल रही है तथा विश्व में पाम तेल के अग्रणी आयातक, भारत, द्वारा क्रूड खाद्य तेलों पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती किए जाने की घोषणा के बाद मांग में सुधार होने से समर्थन मिल रहा है।

गौरतलब है कि बीते सप्ताहांत भारत ने अपने बाजारों में खाद्य उत्पादों की कीमतें निचले तथा स्थानीय रिफाइनिंग उद्योग की मदद करने के उद्देश्य से क्रूड खाद्य तेलों के आयात पर लगने वाले बेसिक इंपोर्ट टैक्स में 10 प्रतिशत की कमी की है। 

उधर, पांच डीलर्स ने बताया है कि गत मई महीने में भारत का पाम तेल आयात उछलता हुआ छः महीनों के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया क्योंकि बकाया स्टॉक तुलनात्मक रूप से नीचा बना हुआ है तथा सोयाबीन तेल तथा सूरजमुखी तेल की तुलना में पाम की कीमत नीची बनी होने के कारण रिफाइनर्स खरीद बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित हुए हैं। डालियान का सर्वाधिक सक्रिय सोया तेल वायदा 0.39 प्रतिशत बढ़ा। 

इसके पाम तेल वायदा में 1.24 प्रतिशत की तेजी आई। इसके विपरीत शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड के सोया तेल में 0.37 प्रतिशत की मंदी आई। प्रतिस्पर्द्धा खाद्य तेलों में आने वाले उतार-चढ़ाव पाम तेल अनुसरण कया जाता है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय खाद्य तेल बाजार में यह दोनों एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हैं।

 स्वतंत्र जांच कंपनी एमस्पेक एग्री मलेशिया ने कहा है कि गत मई महीने में मलेशियाई पाम तेल उत्पादों के निर्यात में 13.20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एक अन्य कार्गो सर्वेयर इंटरटेक टेस्टिंग सर्विसेज ने इस दौरान निर्यात में 17.90 प्रतिशत की वृद्धि होने की जानकारी दी है।

स्टेस्टिक्स ब्यूरो द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार चालू कैलेंडर वर्ष की जनवरी अप्रैल अवधि में इंडोनेशिया ने 64.10 लाख टन क्रूड तथा रिफाइंड पाम तेल का निर्यात किया है, जोकि एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि की तुलना में 5.37 प्रतिशत नीचा है। चालू सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन क्रूड ऑयल की कीमत में मामूली वृद्धि हुई। 

विश्लेषकों ने बताया कि भू-राजनैतिक तनाव बढ़ने की वजह से क्रूड ऑयल को समर्थन मिला है क्योंकि रूस तथा यूक्रेन के बीच युद्ध और गहरा गया है तथा ईरान अमेरिकी परमाणु संधि के प्रस्ताव को नकारने की तैयारी में है। इसका अर्थ यह है कि यह प्रमुख क्रूड ऑयल उत्पादक आर्थिक प्रतिबंधों में कटौती करवाना चाहेगा। क्रूड ऑयल वायदा मजबूत होने से बायोडीजल में पाम का आकर्षण बढ़ जाता है।