RBI के नए नियम से लोन लेने वालों को बड़ी राहत; EMI पर मिलेगी ये खास छूट
9 मई 2025, गुरुवार – भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने लोन लेने वालों के लिए एक बेहद राहत भरी घोषणा की है। अब अगर किसी कर्जदार की EMI समय पर नहीं चुक पाती या बाउंस हो जाती है, तो बैंक या NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान) उस पर केवल जुर्माना लगाएंगे, लेकिन उस जुर्माने पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं वसूला जाएगा।
यह नया नियम उन लोगों के लिए बड़ी राहत है जो अस्थायी वित्तीय संकट में फंस जाते हैं और समय पर EMI भरना उनके लिए कठिन हो जाता है। इससे पहले, EMI न चुकाने पर बैंक पेनाल्टी के साथ उस पर ब्याज भी वसूलते थे, जिससे कर्ज का बोझ और बढ़ जाता था।
अब बैंक नहीं कर पाएंगे मनमानी
पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया था कि कई बैंक और NBFC EMI में देरी होने पर न केवल पेनाल्टी लगाते थे, बल्कि उस पेनाल्टी राशि पर भी "दंडात्मक ब्याज" वसूलते थे। यह ब्याज कई बार ग्राहकों के लिए भारी आर्थिक बोझ बन जाता था।
RBI ने इस मनमानी पर लगाम लगाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब बैंक और वित्तीय संस्थान सिर्फ उस EMI चूक पर एक निश्चित जुर्माना लगा सकते हैं, लेकिन वे इस जुर्माने पर ब्याज नहीं जोड़ सकेंगे।
क्या है नए नियम का मकसद?
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को अनावश्यक आर्थिक दबाव से बचाना है।
अब ग्राहक अगर किसी महीने EMI नहीं चुका पाते, तो उन्हें सिर्फ एक तय राशि का जुर्माना देना होगा।
उस जुर्माने पर कोई अतिरिक्त शुल्क या ब्याज नहीं लगेगा।
इससे EMI न भर पाने वाले कर्जदारों को राहत मिलेगी और उन्हें कर्ज चुकाने के लिए थोड़ा समय और सुविधा मिलेगी।
कब और कैसे लागू होगा यह नियम?
RBI ने बताया है कि ये नियम सभी बैंक और NBFC पर लागू होंगे और ये नए दिशा-निर्देश जल्द ही प्रभाव में आएंगे।
हर बैंक को अपने कर्ज के नियमों में बदलाव करने होंगे।
EMI पर देरी होने की स्थिति में अब ग्राहक को सिर्फ जुर्माना देना होगा, ब्याज नहीं।
यह बदलाव EMI पर पारदर्शिता और जवाबदेही लाने में मदद करेगा।
किन कर्जों पर लागू नहीं होगा यह नियम?
ध्यान देने वाली बात यह है कि यह नया नियम हर प्रकार के कर्ज पर लागू नहीं होगा।
क्रेडिट कार्ड पेमेंट पर यह नियम लागू नहीं होगा।
बाहरी वाणिज्यिक ऋण (External Commercial Borrowings) पर भी यह नियम नहीं लागू होगा।
बिजनेस लोन यानी व्यापारिक ऋण भी इसके दायरे से बाहर रहेंगे।
यह नियम मुख्यतः पर्सनल लोन, होम लोन, ऑटो लोन और एजुकेशन लोन जैसे खुदरा कर्जों (retail loans) पर लागू होगा।
ग्राहकों के लिए क्या बदलेगा?
इस फैसले से कर्जदारों को तीन बड़े फायदे होंगे:
EMI में देरी पर अब सिर्फ तय जुर्माना लगेगा, ब्याज नहीं।
बैंकों द्वारा भारी जुर्माना वसूली की मनमानी खत्म होगी।
EMI भुगतान में पारदर्शिता बढ़ेगी और कर्जदार मानसिक रूप से अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे।
बैंक और NBFC को क्या करना होगा?
RBI ने सभी बैंकों और NBFC को निर्देश दिया है कि वे अपने कर्ज अनुबंध (loan agreement) को नए नियमों के अनुसार अपडेट करें।
जुर्माना वसूली के नियमों को स्पष्ट करें।
दंडात्मक ब्याज की व्यवस्था को हटाएं।
ग्राहकों को यह जानकारी लिखित और डिजिटल दोनों माध्यमों में दी जाए।
आम लोगों के लिए फायदेमंद बदलाव
ये बदलाव उन लाखों लोगों के लिए बेहद फायदेमंद हैं, जो महीने-दर-महीने EMI चुकाते हैं।
यह विशेष रूप से नौकरीपेशा लोगों और मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत है।
जो लोग किसी महीने चूक जाते थे, उन्हें अगले महीने दोगुना रकम चुकानी पड़ती थी। अब ऐसा नहीं होगा।