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Income Tax: करदाताओं को लगा बड़ा झटका, आयकर विभाग ने टैक्स छूट पर लगाई रोक 

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गुरुवार 26 अप्रैल को यह बड़ा फैसला लिया है। अब टैक्सपेयर्स (Taxpayers) उन खर्चों का टैक्स में कटौती (डिडक्शन) नहीं ले पाएंगे जो सेबी या कॉम्पिटिशन ऐक्ट सहित चार कानूनों के तहत शुरू हुई कार्रवाई को निपटाने के लिए शुरू किए गए हैं।
 

Income Tax: आयकर विभाग टैक्सपेयर्स को मिलने वाली टैक्स में छूट को लेकर बड़ा फैसला लिया है। देश में करोड़ों लोग अपनी कमाई से सरकार को टैक्स देते हैं। ऐसे में आयकर विभाग के नए फैसले ने टैक्सपेयर्स को बड़ा झटका दिया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की फैसले से देश में लाखों करदाता प्रभावित होंगे। 

पाठकों को बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गुरुवार 26 अप्रैल को यह बड़ा फैसला लिया है। अब टैक्सपेयर्स (Taxpayers) उन खर्चों का टैक्स में कटौती (डिडक्शन) नहीं ले पाएंगे जो सेबी या कॉम्पिटिशन ऐक्ट सहित चार कानूनों के तहत शुरू हुई कार्रवाई को निपटाने के लिए शुरू किए गए हैं।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज जारी किया नोटिफिकेशन 

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने इस फैसले को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। 
23 अप्रैल को जारी किए गए नोटिफिकेशन में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने साफ कर दिया कि चार तय कानूनों के उल्लंघन या डिफॉल्ट से जुड़ी कार्रवाई को सुलझाने पर हुआ कोई भी खर्च बिजनेस या प्रोफेशन का खर्च नहीं माना जाएगा। इसलिए ऐसे खर्च पर कोई डिडक्शन या अलाउंस नहीं मिलेगा।

AKM ग्लोबल के टैक्स पार्टनर अमित महेश्वरी ने बताया कि इनकम टैक्स ऐक्ट, 1961 की धारा 37 (1) के तहत सेटलमेंट पेमेंट पर डिडक्शन मिलने को लेकर लंबे समय से कोर्ट में बहस चलती रही है। 

फाइनैंस ऐक्ट, 2024 के जरिए सीबीडीटी ने किया बदलाव

इनकम टैक्स ऑफिसर बनाम रिलायंस शेयर ऐंड स्टॉक ब्रोकर्स लिमिटेड में सेबी को दिया गया कंसेंट फीस कमर्शल जरूरत बताते हुए बिजनेस खर्च माना गया था। उन्होंने कहा कि अब फाइनैंस ऐक्ट, 2024 के जरिए (CBDT) ने बदलाव कर दिया है। अब भारत या विदेश के ऐसे किसी भी कानून के तहत सेटलमेंट या कंपाउंडिंग पर हुआ खर्च टैक्स में कटौती योग्य नहीं रहेगा।

महेश्वरी ने कहा कि यह फैसला पहले के ट्राइब्यूनल फैसलों को ओवरराइड करता है और टैक्स नियमों में जरूरी स्पष्टता लाता है। हालांकि FEMA और आरबीआई (RESERVE BANK OF INDIA)   के निर्देशों जैसे दूसरे रेगुलेटरी लॉज के तहत अभी भी कुछ अस्पष्टता बनी हुई है।

आईए देखते हैं चार कानून

जिन चार कानून को लेकर इनकम टैक्स विभाग ने टैक्स छूट पर रोक को लेकर गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है उनमें

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ऐक्ट, 1992 के अलावा सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) ऐक्ट, 1956 भी शामिल है। 

इसके अलावा डिपॉजिटरीज ऐक्ट-1996 और कॉम्पिटिशन ऐक्ट-2002 के संबंध में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह बड़ा फैसला लिया है।