Bharatmala Expressway Project:-भारत में बन रहा है दुनिया का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे नेटवर्क, इन हाईवे पर उतर सकेंगे फाइटर जेट !
Bharatmala Expressway Project: भारत सरकार देशभर में सड़कों और एक्सप्रेसवे का एक विशाल नेटवर्क खड़ा कर रही है जो न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा. बल्कि आर्थिक गतिविधियों और राष्ट्रीय सुरक्षा को भी नई मजबूती देगा. ‘भारतमाला परियोजना’ और अन्य केंद्रीय योजनाओं के तहत देश अब दुनिया के सबसे बड़े सड़क नेटवर्क में शुमार होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है.
17 प्रमुख एक्सप्रेसवे जिनसे बदलेगी भारत की सड़क तस्वीर
सरकार की प्राथमिकता में शामिल 17 मेगा एक्सप्रेसवे का निर्माण युद्धस्तर पर चल रहा है. ये परियोजनाएं 2024 से 2027 के बीच चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएंगी. इनमें शामिल हैं:
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (1350 KM)
द्वारका एक्सप्रेसवे (29.1 KM)
मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग (701 KM)
गंगा एक्सप्रेसवे (594 KM)
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे (650 KM)
अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे (109 KM)
बैंगलोर-चेन्नई एक्सप्रेसवे (260 KM)
रायपुर-विशाखापट्टनम एक्सप्रेसवे (464 KM)
नर्मदा एक्सप्रेसवे (1300 KM)
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे (62 KM)
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (700 KM)
अमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे (230 KM)
फरीदाबाद-जेवर एयरपोर्ट एक्सप्रेसवे (31.4 KM)
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे (719 KM)
आगरा-बरेली एक्सप्रेसवे (228 KM)
NH-913, अरुणाचल प्रदेश (1700 KM)
अलीगढ़-पलवल एक्सप्रेसवे (32 KM)
इन परियोजनाओं के जरिए देश के कोने-कोने को आपस में तेज़, सुरक्षित और सुलभ संपर्क मिल रहा है, जो ‘वन इंडिया, फास्ट इंडिया’ की अवधारणा को साकार करता है.
हाईवे नहीं, हवाई पट्टी भी
भारत ने रणनीतिक सोच के तहत हाईवे और एक्सप्रेसवे पर एयरस्ट्रिप (हवाई पट्टी) भी बनाना शुरू कर दिया है. इनका उद्देश्य है कि आपातकाल या युद्ध की स्थिति में लड़ाकू विमान हाईवे पर उतर सकें.
5 प्रमुख एयरस्ट्रिप जो पहले ही तैयार हो चुकी हैं:
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (उन्नाव, उत्तर प्रदेश)
एयरस्ट्रिप लंबाई: 3.2 KM
विशेषता: 2017 में मिराज-2000, जगुआर और Su-30MKI की सफल लैंडिंग.
यह भारत का पहला एक्सप्रेसवे बना जिस पर वायुसेना ने अभ्यास किया.
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश)
एयरस्ट्रिप लंबाई: 3.2 KM
उद्घाटन: 2021
डेमो: मिराज-2000 और AN-32 विमानों का लाइव टेक-ऑफ और लैंडिंग प्रदर्शन.
यमुना एक्सप्रेसवे (जेवर के पास, उत्तर प्रदेश)
ट्रायल लैंडिंग: 2015 में मिराज-2000 की टेस्ट लैंडिंग.
विशेषता: यह पहला हाईवे था जहां वायुसेना ने रनवे ट्रायल किया. हालांकि स्थायी एयरस्ट्रिप नहीं.
राष्ट्रीय राजमार्ग 925A (गंधव भाकासर, बाड़मेर, राजस्थान
लंबाई: 3.5 KM
उद्घाटन: सितंबर 2021
प्रयोग: राफेल, जगुआर और Su-30MKI जैसे विमानों की सफल लैंडिंग.
राष्ट्रीय राजमार्ग 16 (बालासोर, ओडिशा)
उद्देश्य: रणनीतिक अभ्यास और आपात लैंडिंग के लिए विकसित.
महत्व: यह पट्टी चांदीपुर और व्हीलर द्वीप जैसे रक्षा ठिकानों के पास है, जिससे यह सुरक्षा की दृष्टि से बेहद अहम मानी जाती है.
आर्थिक विकास, सुरक्षा और स्मार्ट यात्रा एक साथ
इन सभी परियोजनाओं से न केवल यात्रा समय में भारी कमी आएगी बल्कि वाणिज्य, पर्यटन और रक्षा के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिलेंगे. हाईवे नेटवर्क के साथ एयरस्ट्रिप को जोड़ने की यह रणनीति भारत को स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में विश्व स्तर पर मजबूत करेगी. इससे भारत की छवि एक प्रगतिशील, आधुनिक और सुरक्षित राष्ट्र के रूप में उभर कर सामने आएगी.