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Bus Live Location: अब मोबाइल पर मिलेगी लाइव बस लोकेशन! जानिए किस स्टैंड पर है आपकी बस, जल्द शुरू होगा ट्रायल

 

Bus Live Location : अब यात्री मोबाइल पर रोडवेज बसों की वास्तविक समय की स्थिति देख सकेंगे ताकि उन्हें बस स्टैंड पर इंतजार न करना पड़े। बसों का डेटा रेवाड़ी डिपो में यात्री सूचना प्रणाली (पी. आई. एस.) पर डाला जा रहा है। पहले चरण में दस बसों में परीक्षण किया जाएगा। यह प्रणाली रेलवे की तर्ज पर काम करेगी ताकि बसों की आवाजाही पर नजर रखी जा सके। पुरानी बसों के जीपीएस की मरम्मत की जा रही है।Bus Live Location

रेवाड़ीः ट्रेन की तर्ज पर अब यात्री मोबाइल पर रोडवेज बसों की वास्तविक समय की स्थिति देख सकेंगे। यात्रियों को बस स्टैंड या स्टॉप पर खड़े होने पर अनुमान नहीं लगाना होगा।

यात्री मोबाइल में यह जानकारी देख सकेंगे कि कौन सी बस किस स्टैंड पर है या किस समय रुकती है। इससे यात्रियों को बस स्टैंड या स्टॉप पर घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा।



बसों का डेटा भरने का काम चल रहा है।



स्थानीय रोडवेज डिपो में यात्री सूचना प्रणाली (पी. आई. एस.) पर रोडवेज बसों का डेटा भरने का काम किया जा रहा है। जैसे ही डेटा दिया जाएगा, रियल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग शुरू हो जाएगी।Bus Live Location

पहले चरण में स्थानीय डिपो में दस बसों में पी. आई. एस. प्रणाली का परीक्षण शुरू किया जाएगा। इससे बस की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकती है। दूसरे चरण में साधारण बसों को भी इस प्रणाली से जोड़ा जाएगा।Bus Live Location



यह प्रणाली रेलवे की तर्ज पर काम करेगी।



यह प्रणाली पूरी तरह से रेलवे की तर्ज पर बनाई जाएगी। सभी ट्रायल बसों की आवाजाही की निगरानी के लिए रोडवेज मुख्यालय में एक नियंत्रण प्रणाली स्थापित की गई है।Bus Live Location

साथ ही स्थानीय अधिकारी भी बस पर ध्यान दे पाएंगे। ऐप के माध्यम से, यात्रियों को जानकारी मिलेगी कि बस कहां से गई, किस मार्ग पर है, ठहराव तक। यात्री ऐप डाउनलोड करके बस की लाइव लोकेशन देख सकेंगे।Bus Live Location



यात्रियों को स्टेशन पर लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यात्रियों को बस में कई घंटों तक इंतजार करना पड़ता है।Bus Live Location

 



पुरानी बसों में फंसा जीपीएस



नई बसें जीपीएस से लैस हैं। ऐसे में रोडवेज को पीआईएस से जोड़ने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी, लेकिन पुरानी बसों में लगा जीपीएस अटक गया है।



उन्हें या तो एक नए जीपीएस से सुसज्जित किया जाएगा या एक ठीक से वातानुकूलित जीपीएस चालू किया जाएगा।



पोर्टल पर बसों का डेटा भरने का काम चल रहा है। वास्तविक समय स्थान के लिए परीक्षण मुख्यालय से लिया जाएगा। इसके बाद प्रक्रिया शुरू होगी।

- प्रदीप कुमार