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Kids Health Alert: बच्चों में घर कर रही नई बीमारी 'हैंड फुट माउथ डिजीज', खतरा देख घबरा रहें पेरेंट्स

 

THE BIKANER NEWS

Kids Health Alert: राजस्थान में कोरोना संक्रमण के असर के साथ मौसमी बीमारियां अपना असर दिखा रही है, लेकिन इस बीच एक और डिजीज बच्चों में अपना असर बढ़ा चुकी है.एक महीने से जयपुर के जेके लोन अस्पताल में 'हैंड फुट माउथ डिजीज'' से ग्रसित बच्चे पहुंच रहे हैं. जिसकी संख्‍या लगातार बढ़ती जा रही है जिसने अभिभावकों की चिंताए बढ़ा दी है .

पिछले करीब एक माह से
जेके लोन अस्पताल जयपुर में 'हैंड फुट एंड माउथ डिजीज' से ग्रसित बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.अस्पताल पहुंचने वाले हर दूसरे या तीसरे बच्चे में इस बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. जेके लोन अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अशोक गुप्ता का कहना है कि यह एक संक्रामक बीमारी है, लेकिन इस साल यह लगातार बच्चों को अपनी चपेट में ले रही है. खासकर 5 से 9 साल तक के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. डॉक्टर गुप्ता का यह भी कहना है कि इससे पहले इस बीमारी के लक्षण मुश्किल से ही बच्चों में देखने को मिलते थे, लेकिन इस साल इस बीमारी से ग्रसित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिसके बाद अभिभावक भी परेशान हैं.
इसी दौरान बच्चे के मुंह में छाले पड़ते हैं और बच्चें को बुखार आ जाता है
कभी-कभी  पूरे शरीर में खुजली शुरू हो जाती है और समय पर यदि इलाज उपलब्ध नहीं कराया जाए, तो फिर बच्चे की हालत भी बिगड़ सकती है. यह एक संक्रामक बीमारी है जो एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है. यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाए तो फिर बच्चे की स्थिति बिगड़ सकती है. चिकित्सकों का यह भी कहना है कि यदि बच्चे का समय पर इलाज नहीं करवाया जाए और वयस्क भी लगातार बच्चे के संपर्क में रहें, तो यह बीमारी वयस्क में भी फैल सकती है. दरअसल, पिछले कुछ समय से कोविड-19 संक्रमण के कारण बच्चे घरों में ही कैद रहे.जिसके बाद संभवतः छोटे बच्चों में इम्यूनिटी डेवलप नहीं हो पाई और अब स्कूल और खेल मैदान पूरी तरीके से खुल चुके हैं, तो बच्चे आसानी से इस संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. खासकर उन बच्चों को यह बीमारी अपनी चपेट में ले रही है जिनकी इम्यूनिटी काफी कमजोर है. पिछले कुछ समय से जेके लोन अस्पताल में भी हैंड फुट माउथ संक्रमण से पीड़ित बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. ऐसे में डॉक्टर गुप्ता सलाह देते हैं कि जैसे ही बच्चे के शरीर पर यह लक्षण नजर आएं, तो चिकित्सीय सलाह लेने की जरूरत है. सही समय पर इलाज मिलने के बाद 8 से 10 दिन में बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाता है.