{"vars":{"id": "125777:4967"}}

बरसात के पहले रेलवे ने कसी कमर, मानसून में सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए पूर्व तैयारियाँ की पूरी
 

देखें डिटेल्स 

 

Maharashtra: इस साल सामान्य से पहले आए मानसून के दौरान यात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए कोंकण रेलवे कई प्रणालियों को मजबूत कर रहा है। मार्च से युद्धस्तर पर चल रही मानसून-पूर्व तैयारियों को अब अंतिम रूप दे दिया गया है। कोंकण रेलवे ने कहा है कि भूस्खलन, बाढ़ और घुमावदार घाट मार्गों जैसी प्राकृतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए इस साल अधिक सख्त योजना बनाई गई है।

कोंकण रेलवे भारतीय रेलवे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है और इसकी सीमा महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के रोहा से शुरू होकर गोवा से कर्नाटक राज्य के थोकुर गाँव तक फैली हुई है। इस मार्ग से कोंकण के खूबसूरत समुद्र तटों, नदियों और पर्वत श्रृंखलाओं का नजारा दिखता है। इसलिए, यह मार्ग यात्रियों के लिए पसंदीदा मार्ग के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि, हर साल मानसून के दौरान इस मार्ग पर छोटी-बड़ी बाधाएँ आती हैं। भूस्खलन सबसे बड़ी समस्या है। इस वर्ष कोंकण रेलवे ने इनसे निपटने के लिए कदम उठाए हैं और कहा है कि वह मानसून के मौसम में यात्रियों की सुखद यात्रा के लिए आवश्यक उपायों के साथ तैयार है।

कोंकण रेलवे का मार्ग जितना आकर्षक है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी है। कोंकण रेलवे का असली काम पांच महीने तक भारी बारिश का सामना करने के बावजूद यात्रियों को सुरक्षित परिवहन करना है। इस संबंध में, भूस्खलन निरोधक जाल, बाढ़ चेतावनी प्रणाली, गति सीमा, घाट खंड में सीसीटीवी नियंत्रण, रेलवे रखरखाव वाहन और दुर्घटना रोकथाम दल जैसी सुविधाएं तैयार रखी गई हैं। कोंकण रेलवे के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिकारियों ने घाट खंड सहित विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों का निरीक्षण किया और उपायों की समीक्षा की।

कोंकण रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 10 जून, 2025 से 31 अक्टूबर, 2025 के बीच इसके मार्ग पर एक विशेष मानसून कार्यक्रम लागू किया जाएगा। इस कार्यक्रम के अनुसार, इस मार्ग पर ट्रेनें धीमी गति से चलेंगी और घाट और सुरंग क्षेत्रों में इन ट्रेनों पर 40 किमी प्रति घंटे की गति सीमा लगाई गई है। 

इस दौरान विशेष एहतियात के तौर पर 650 से अधिक कर्मचारियों और अधिकारियों को मार्ग पर तैनात किया गया है। भूस्खलन की आशंका वाले 9 स्थानों पर रेलवे रखरखाव वाहन तैयार रखे गए हैं। इसके साथ ही आपातकालीन चिकित्सा सहायता के लिए वर्ना में विशेष चिकित्सा वैन और दुर्घटना रोकथाम ट्रेनें तैनात की गई हैं। मार्ग पर 10 स्थानों पर वर्षा गेज सिस्टम चालू कर दिए गए हैं और मार्ग पर तीन अति संवेदनशील नदी पुलों पर बाढ़ चेतावनी प्रणाली सक्रिय कर दी गई है, ऐसा कोंकण रेलवे ने जानकारी दी है। 

साथ ही कोंकण रेलवे प्रशासन ने कहा है कि हर साल की तरह इस बार भी आपदा प्रबंधन की ठोस योजना बनाई गई है और आपातकालीन सेवाएं भी तैयार हैं। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कोंकण रेलवे ने बिना किसी समझौते के यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मानसून के दौरान समय पर सेवाएं प्रदान करने के साथ ही सुरक्षित यात्रा पर भी पूरा ध्यान देने का रेलवे प्रशासन ने संकल्प व्यक्त किया है।